BY: Yoganand Shrivastva
गुवाहाटी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बीच राजनीतिक टकराव तेज हो गया है। असम के चायगांव में कांग्रेस की एक बैठक के दौरान राहुल गांधी ने टिप्पणी की कि “हिमंत को जेल भेजा जाएगा, यह तय है”, जिसके बाद मुख्यमंत्री सरमा ने सोशल मीडिया के माध्यम से तीखा पलटवार किया।
राहुल गांधी का आरोप:
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी की असम इकाई की बैठक में सीएम हिमंत पर निशाना साधते हुए कहा कि “असम के मुख्यमंत्री खुद को राजा समझते हैं, लेकिन अब उनका जेल जाना तय है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि हिमंत की कार्यशैली और कथित भ्रष्टाचार उन्हें जल्द सलाखों के पीछे पहुंचा देगा।
हिमंत सरमा का जवाब:
राहुल के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तंज भरे लहजे में लिखा:
“जो नेता खुद देशभर में कई आपराधिक मामलों में जमानत पर हैं, वो दूसरों को जेल भेजने की बातें कर रहे हैं। राहुल जी को मेरी शुभकामनाएं। असम की मेहमाननवाज़ी का आनंद लीजिए।“
सरमा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी शायद यह भूल गए हैं कि उनके खिलाफ भी विभिन्न राज्यों में मुकदमे लंबित हैं और वे खुद भी अदालत से जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने राहुल की असम यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद वह सिर्फ मुख्यमंत्री को जेल भेजने की बात कहने के लिए राज्य में आए हैं।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
इस बयानबाजी से असम की राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है। दोनों नेताओं के बीच सार्वजनिक बयान और पलटवार न केवल व्यक्तिगत हमलों तक सीमित हैं, बल्कि यह कांग्रेस और भाजपा की विचारधारात्मक लड़ाई को भी उजागर करता है। एक तरफ राहुल गांधी भाजपा शासित राज्यों में कथित भ्रष्टाचार और जनविरोधी नीतियों को लेकर हमलावर हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा नेता राहुल की विश्वसनीयता और वैधानिक स्थिति पर सवाल उठा रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में इस तरह की जुबानी जंग और तेज़ हो सकती है, खासकर जब देश अगले चुनावी मोड़ की ओर बढ़ रहा है।
राहुल गांधी और हिमंत सरमा के बीच यह बयानबाज़ी असम के सियासी तापमान को और अधिक बढ़ा सकती है। अब देखना ये होगा कि यह विवाद सिर्फ शब्दों की जंग तक सीमित रहता है या कोई कानूनी मोड़ भी लेता है।