हर्रई, संवाददाता – रत्नेश डेहरिया
मध्यप्रदेश के हर्रई विकासखंड में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां ग्राम नांदनवाड़ी में एक शिक्षक और उसकी पत्नी ने अपने 3 दिन के मासूम बच्चे को जंगल में पत्थरों के नीचे दबाकर मौत के हवाले करने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीणों की सूझबूझ और पुलिस की तत्परता से बच्चे की जान बच गई। फिलहाल आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
धनोरा चौकी क्षेत्र के ग्राम नांदनवाड़ी में ग्रामीणों ने जंगल से रोने की आवाज़ सुनी। जब लोग वहां पहुंचे तो देखा कि पत्थरों के नीचे एक नवजात दबा हुआ है। तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चे को बाहर निकाला और उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया।
वीडियो वायरल, पुलिस हुई सख्त
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। जांच में पता चला कि मासूम के माता-पिता ही उसे जंगल में दबाकर छोड़ गए थे।
क्यों रचा षड्यंत्र?
आरोपी पिता शिक्षक है और पहले से 3 से अधिक संतानें हैं। उसे डर था कि अगर और संतान हुई तो नौकरी पर संकट आ सकता है। इसी डर से उसने पत्नी के साथ मिलकर यह खौफनाक कदम उठाया।
बढ़ाई गई धाराएं, भेजे गए जेल
धनोरा पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की धाराएं 187/25, 93, 109, 61 और 238(ख) जोड़कर मामला दर्ज किया। इसके बाद आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर हर्रई न्यायालय में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।
समाज के लिए बड़ा सवाल
हर्रई की यह घटना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज और मानवता को भी शर्मसार करने वाली है। सवाल यह है कि शिक्षा से जुड़े एक शिक्षक द्वारा ऐसी सोच और अमानवीय हरकत कैसे की जा सकती है?