गृह मंत्री अमित शाह 29 मई 2025 को जम्मू में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा बैठक करेंगे। यह बैठक अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर है, जो इस बार कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की जाएगी। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था और भी सख्त कर दी गई है।
अमित शाह की जम्मू-कश्मीर यात्रा का उद्देश्य क्या है?
अमित शाह की यह जम्मू-कश्मीर यात्रा दो महत्वपूर्ण घटनाओं के बाद उनकी पहली बड़ी यात्रा मानी जा रही है:
- ऑपरेशन सिंदूर: हाल ही में पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ चली यह सैन्य कार्रवाई
- पहलगाम आतंकी हमला: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की मौत और कई घायल हुए थे।
गृह मंत्री सभी सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के साथ बैठक कर अमरनाथ यात्रा के मार्गों की सुरक्षा समीक्षा करेंगे।
अमरनाथ यात्रा 2025: सुरक्षा के इंतजाम
- यात्रा का आयोजन 3 जुलाई से 9 अगस्त तक होगा।
- पहलगाम से गुजरने वाला चंदनवारी मार्ग सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है क्योंकि यहीं हाल ही में आतंकी हमला हुआ था।
- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने हाल ही में एक सुरक्षा समीक्षा बैठक की है।
- CRPF के महानिदेशक ने अमरनाथ यात्रा के मार्ग का हवाई सर्वे भी किया है।
सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम
- अधिक पैरामिलिट्री कंपनियां: इस बार सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
- सीमा सुरक्षा: बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है।
- सेंसर इंस्टालेशन: तेज़ और प्रभावी सेंसर लगाए जा रहे हैं जो किसी भी संदिग्ध गतिविधि का तुरंत पता लगा सकें।
मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों की भूमिका
- मुख्यमंत्री ओमาร์ अब्दुल्ला ने नुनवान बेस कैंप का दौरा कर यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया।
- जम्मू-कश्मीर के गवर्नर और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी भी इस सुरक्षा बैठक में मौजूद रहेंगे।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद का हाल
गृह मंत्री अमित शाह इस बैठक के बाद उन इलाकों का भी दौरा कर सकते हैं जो हाल ही में पाकिस्तानी फायरिंग से प्रभावित हुए हैं। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी करने की योजना है।
अमरनाथ यात्रा की लोकप्रियता
पिछले साल लगभग 5,12,000 श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा में शामिल हुए थे, जो पिछले 12 वर्षों में सबसे अधिक संख्या थी। ऐसे में इस बार भी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
निष्कर्ष
अमित शाह की यह सुरक्षा बैठक अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए निर्णायक कदम है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और हाल की सैन्य कार्रवाइयों के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति संवेदनशील है। बढ़ती हुई सुरक्षा और बेहतर निगरानी के साथ इस बार यात्रा को अधिक सुरक्षित बनाने की कोशिश की जा रही है।