🔷 विवाद की शुरुआत: अंबेडकर की प्रतिमा पर दो वकील गुटों में टकराव
ग्वालियर स्थित मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की बेंच के पास डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने के प्रस्ताव को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस मामले में अब कांग्रेस भी कूद चुकी है। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई को पत्र लिखकर इस मुद्दे में हस्तक्षेप की मांग की है।
📩 जीतू पटवारी का पत्र: न्याय की गुहार
पटवारी ने अपने पत्र में लिखा:
“हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर जी की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव कोर्ट की सहमति से आया था। यह संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि देने और उनके योगदान को सम्मानित करने का एक सकारात्मक कदम था।”
लेकिन अब इस प्रस्ताव का कुछ वकील विरोध कर रहे हैं, जिससे इस निर्णय पर विवाद खड़ा हो गया है।
⚖️ कोर्ट परिसर में टकराव: विरोध प्रदर्शन और झड़प
- हाल ही में प्रतिमा के विरोध में कुछ वकीलों ने हाईकोर्ट परिसर में प्रदर्शन किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
- यह विरोध इतना बढ़ा कि एक अन्य वकीलों के समूह से झड़प की नौबत आ गई।
- विरोध करने वाले गुट ने प्रतिमा स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर संकेत देने की कोशिश की कि वे उस स्थान को रोकना चाहते हैं।
🏛️ कानूनी प्रक्रियाएं और विरोध
- फरवरी 2025 में एक आवेदन के तहत प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव हाईकोर्ट को भेजा गया था।
- इसके बाद बनी समिति ने प्रस्ताव को अनुमति दे दी।
- लेकिन विवाद बढ़ने पर समिति ने इस पर पुनर्विचार शुरू किया।
- इस बीच हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार युवल रघुवंशी ने 21 अप्रैल को पत्र लिखकर कहा:
“जब सुप्रीम कोर्ट परिसर में अंबेडकर की प्रतिमा लग चुकी है, तो ग्वालियर बेंच में विरोध का कोई औचित्य नहीं है। हमें विरोधों को नजरअंदाज कर, कार्य को पूरा करना चाहिए।”
🗣️ कांग्रेस का स्टैंड: संविधान और न्याय के सम्मान की बात
कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा:
“जो लोग इस प्रतिमा का विरोध कर रहे हैं, वे न सिर्फ न्यायिक फैसले का अपमान कर रहे हैं, बल्कि आम नागरिकों की भावनाओं को भी आहत कर रहे हैं।”
उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया कि:
- इस मुद्दे में सभी वर्गों की सहमति सुनिश्चित की जाए
- प्रतिमा की स्थापना बिना किसी रुकावट के हो
📰 उपयोगकर्ता क्या जानना चाहते हैं? (Search Intent Focus)
- क्या ग्वालियर हाईकोर्ट में अंबेडकर प्रतिमा लगेगी?
- क्यों हो रहा है विरोध?
- कांग्रेस का रुख क्या है?
- क्या सुप्रीम कोर्ट में भी अंबेडकर की मूर्ति है?
- न्यायपालिका इस विवाद में क्या कदम उठा सकती है?
📌 निष्कर्ष: सम्मान और सहमति के साथ आगे बढ़ने की ज़रूरत
डॉ. भीमराव अंबेडकर सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि भारतीय संविधान के शिल्पकार हैं। उनकी प्रतिमा को लेकर उत्पन्न विवाद न केवल न्यायिक प्रक्रिया बल्कि सामाजिक समरसता की भी परीक्षा है। ऐसे में ज़रूरी है कि इस मुद्दे को संविधान की भावना, सम्मान और सर्वसम्मति के साथ सुलझाया जाए।