आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज (SNMC) की नई बर्न यूनिट में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, खासकर इलेक्ट्रिक बर्न के मामलों में। बारिश के इस मौसम में बिजली के झटकों से झुलसने की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं।
इस यूनिट में जून 2025 से अब तक करीब 22 मरीज भर्ती हो चुके हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक शॉक या वायर संपर्क से झुलसे हैं। कुछ मरीजों को गंभीर स्थिति में हाथ काटना भी पड़ा है, वहीं एक साल का बच्चा भी गर्म तेल में जलकर भर्ती हुआ है।
जून में शुरू हुई थी बर्न यूनिट
- SNMC आगरा में बर्न यूनिट जून 2025 में शुरू की गई थी।
- पहले ही दिन दो मरीज भर्ती किए गए थे।
- तब से अब तक कुल 22 मरीजों का इलाज यूनिट में चल रहा है।
- इन मरीजों में सबसे पहला केस ज्योति नाम की महिला का था, जिसे करीब 40% इलेक्ट्रिक बर्न के साथ भर्ती किया गया।
- ज्योति का एक हाथ काटना पड़ा और अब भी इलाज जारी है।
बारिश में क्यों बढ़ते हैं इलेक्ट्रिक बर्न केस?
डॉक्टरों के अनुसार, मानसून के दौरान खुले तारों, भीगी दीवारों और करंट वाले उपकरणों के कारण करंट लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
खुले तार और बारिश के पानी का कॉम्बिनेशन जानलेवा हो सकता है, खासकर जब लोग अनजाने में भीगी दीवारों या उपकरणों को छू लेते हैं।
थर्मल बर्न के भी कई केस
- बर्न यूनिट में थर्मल बर्न (झुलसने) वाले मरीज भी भर्ती हुए हैं।
- उदाहरण के लिए, चंद्रप्रकाश नाम का मरीज करीब 40% झुलसाव के साथ भर्ती किया गया था।
- थर्मल बर्न आमतौर पर आग, गर्म तेल, या गैस से होते हैं।
एक साल का बच्चा गर्म तेल में गिरा
- यूनिट में भर्ती एक एक वर्षीय बच्चा गर्म तेल में गिर गया था।
- बच्चे का पूरा शरीर जल गया है, और चेहरे पर भी गंभीर छाले हैं।
- यह हादसा आगरा के पास एक गांव में हुआ था।
5 साल बाद शुरू हुई आधुनिक बर्न यूनिट
- 2019 में 4.60 करोड़ रुपये की लागत से SNMC में 30-बेड की बर्न यूनिट का निर्माण शुरू हुआ था।
- कोविड-19 महामारी के कारण निर्माण कार्य बीच में रुक गया था।
- अब बजट और संसाधन मिलने के बाद यूनिट का निर्माण पूरा हुआ है।
- यह यूनिट सर्जरी बिल्डिंग के सामने स्थित है और इसे जल निगम की C&DS (Construction & Design Services) द्वारा तैयार किया गया है।
आगरा के SNMC की बर्न यूनिट इस समय बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मानसून में इलेक्ट्रिक बर्न के मामलों में बढ़ोतरी लोगों को सावधानी बरतने का संदेश देती है। खुले तारों, भीगे उपकरणों और गर्म वस्तुओं से दूर रहकर हम कई दुर्घटनाओं से बच सकते हैं।





