आगरा में साइबर क्राइम पुलिस ने करोड़ों की ठगी करने वाले एक संगठित गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग अब तक देशभर के कई शहरों में साइबर फ्रॉड की वारदातों को अंजाम दे चुका है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने कुल 6 पीड़ितों से लगभग 2.85 करोड़ रुपए ठगे थे। तीन आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
डीसीपी सिटी सोनम कुमार के अनुसार, अर्जुन नगर निवासी एक युवक ने शिकायत दर्ज कराई थी। वह अपने जीजा हैदर के साथ वेज बिरयानी की दुकान पर काम करता था।
- दुकान पर अक्सर हनी, मनी और अमन त्रिवेदी नाम के तीन युवक आते थे।
- वे महंगे सामान रखते थे और बातचीत में बताया करते थे कि वे साइबर फ्रॉड का काम करते हैं।
- उन्होंने शिकायतकर्ता को भी अपने साथ शामिल होने और बैंक अकाउंट डिटेल देने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया।
कुछ दिनों बाद, युवक का जीजा हैदर इस गैंग के साथ जुड़ गया और अपना बैंक खाता उनके हवाले कर दिया। इसके बाद गैंग के तीनों सदस्य दुकान पर आए और धमकी दी कि हैदर उनके पैसे लेकर भाग गया है, इसलिए रकम शिकायतकर्ता को चुकानी होगी। परेशान होकर उसने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की कार्रवाई
साइबर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हैदर और उसके साथी अब्दुल कादिर को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान उनके पास से एक लैपटॉप मिला, जिसमें साइबर फ्रॉड की पूरी योजना दर्ज थी।
लैपटॉप में दो मुख्य फोल्डर मिले:
- Complete Task: जिन लोगों से ठगी की जा चुकी थी, उनकी लिस्ट
- Target: भविष्य में ठगी के लिए चुने गए लोगों की डिटेल
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि ठगी की रकम हैदर के बंधन बैंक खाते में जमा होती थी, जिसे गैंग के सभी सदस्य आपस में बांट लेते थे।
6 राज्यों में दर्ज केस
पुलिस जांच में हैदर के बैंक खाते से जुड़े 6 अलग-अलग शिकायतें सामने आईं। ये केस दिल्ली, गुरुग्राम, बेंगलुरु, मुंबई और हैदराबाद के साइबर क्राइम थानों में दर्ज थे।
फ्रॉड की रकम इस प्रकार थी:
- ₹40,000
- ₹62 लाख
- ₹14 लाख
- ₹38.56 लाख
- ₹51 लाख
- ₹1.35 करोड़
गिरफ्तार आरोपी हैदर आगरा के सराय ख्वाजा इलाके का है, जबकि अब्दुल बोदला का रहने वाला है।
आगे की जांच
पुलिस अब फरार तीनों आरोपियों की तलाश में जुटी है। साइबर क्राइम टीम का कहना है कि यह गैंग बड़े पैमाने पर डिजिटल धोखाधड़ी में लिप्त है और इसके तार देश के कई हिस्सों से जुड़े हो सकते हैं।





