उत्तर प्रदेश के आगरा से तीन महीने पहले अगवा किए गए एक 8 साल के बच्चे की हत्या कर दी गई। मासूम का शव राजस्थान के धौलपुर में जमीन में दफन किया गया था। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। पुलिस ने अपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर शव बरामद कर लिया है।
घटना की शुरुआत: 30 अप्रैल को हुआ था अपहरण
फतेहाबाद थाना क्षेत्र के विजयनगर कॉलोनी में रहने वाले किसान विजय प्रताप का बेटा अभय 30 अप्रैल 2025 को घर के पास किराना दुकान से सामान लेने गया था। इसके बाद वह घर नहीं लौटा।
परिजन और रिश्तेदारों ने हर संभव जगह तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। दो दिन बाद एक चिट्ठी मिली जिसमें लिखा था –
“अगर बच्चे को जिंदा देखना चाहते हो तो 80 लाख रुपए का इंतजाम करो, वरना उसके हाथ काट देंगे और टुकड़े-टुकड़े कर देंगे।”
बार-बार धमकी और फिरौती की मांग
अपहरणकर्ताओं ने दो से तीन बार फिरौती की चिट्ठियाँ भेजीं। हर बार धमकियां दी जाती रहीं कि पैसे न देने पर बच्चे को बेरहमी से मार दिया जाएगा। विजय प्रताप ने फतेहाबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और पुलिस ने जांच शुरू की।
संदेह के आधार पर किराना दुकानदार गिरफ्तार
पुलिस ने जांच के दौरान अभय के घर के पास किराना चलाने वाले युवक पर शक जताया। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जहां उसने जुर्म कबूल कर लिया।
उसने बताया कि बच्चे को मारकर धौलपुर के मनिया इलाके में हाईवे किनारे एक तालाब के पास दफना दिया गया है।
शव की बरामदगी: राजस्थान में मिला प्लास्टिक बोरे में बंद शव
गुरुवार को यूपी पुलिस आरोपी के साथ धौलपुर पहुंची और मनिया से 1 किलोमीटर आगे हाईवे किनारे खुदाई की। यहां बोरे में बंद बच्चे का शव बरामद हुआ जो सड़ चुका था।
परिजनों ने कपड़ों के आधार पर शव की पहचान की। मासूम की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया।
मासूम की जिंदगी और परिवार
- अभय पहली कक्षा का छात्र था
- अपहरण से एक दिन पहले ही उसे नई किताबें दिलवाई गई थीं
- पिता विजय प्रताप किसान हैं, जिनके पास 20 बीघा जमीन है
- अपहरण के दो महीने बाद उनके घर एक और बेटे का जन्म हुआ
पुलिस का बयान
थाना प्रभारी रामनरेश मीणा ने बताया कि आरोपी ने पूरी प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया। फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
निष्कर्ष
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि लालच और क्रूरता कैसे इंसानियत को शर्मसार कर देती है। पुलिस की सक्रियता से आरोपी पकड़ा गया, लेकिन एक मासूम की जान चली गई। सवाल अब यह है कि समाज में बच्चों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए।





