BY: Yoganand Shrivastva
लखनऊ: योगी कैबिनेट में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के बेटे अभिषेक सिंह को बिना आधिकारिक अनुमति VIP प्रोटोकॉल दिलाने के मामले में उनके निजी सचिव आनंद शर्मा को हटा दिया गया है। यह कदम तब उठाया गया जब मामला उच्चस्तरीय अधिकारियों और बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा और इसमें नाराजगी व्यक्त की गई।
मामले का विवरण बताते हुए बताया गया कि जालौन के जिलाधिकारी और एसपी को मंत्री के निजी सचिव ने पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया कि मंत्री के बेटे को जिले में भ्रमण के दौरान विशेष प्रोटोकॉल प्रदान किया जाए। हालांकि, अभिषेक सिंह के लिए यह प्रोटोकॉल अनधिकृत था, जिसके कारण कार्रवाई की गई।
प्रोटोकॉल क्या है?
प्रोटोकॉल एक निर्धारित नियम और व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति को सम्मान, सुविधाएं और सुरक्षा देने के लिए लागू होती है। इसमें शामिल हैं:
- बैठने और स्वागत की व्यवस्था
- सुरक्षा प्रबंध
- संचार के नियम
- औपचारिक और व्यवस्थित आयोजन सुनिश्चित करना
प्रोटोकॉल का उद्देश्य किसी आयोजन या व्यक्ति के सम्मान, सुरक्षा और गरिमा को बनाए रखना होता है।
किन लोगों को मिलता है प्रोटोकॉल?
भारत में प्रोटोकॉल कुछ विशेष व्यक्तियों और पदों को उनके अधिकार, जिम्मेदारी और महत्व के आधार पर दिया जाता है। इनमें शामिल हैं:
- सर्वोच्च सरकारी पदाधिकारी: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री
- केंद्रीय और राज्य स्तरीय अधिकारी: केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री
- न्यायपालिका: सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीश
- विदेशी अधिकारी: राजदूत और उच्चायुक्त, विदेशी राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री
- सैन्य अधिकारी: सेना प्रमुख और उच्च पदस्थ अधिकारी
- विशेष नागरिक सम्मान: भारत रत्न और पद्म पुरस्कार प्राप्त व्यक्ति, कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और सुरक्षा की आवश्यकता वाले लोग
प्रोटोकॉल का स्तर व्यक्ति के पद, जिम्मेदारी और सुरक्षा की आवश्यकता के अनुसार तय किया जाता है।





