BY: Yoganand Shrivastva
देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात एक जवान पर आज व्यक्तिगत जीवन का सबसे बड़ा आघात टूट पड़ा। सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवान देबराज गंड की पत्नी लिपि गंड का इलाज के दौरान निधन हो गया। लिपि ने हाल ही में एक स्वस्थ नवजात बच्ची को जन्म दिया था, जिसकी उम्र अभी महज 15 दिन है।
यह हृदयविदारक घटना ओडिशा के संबलपुर जिले से सामने आई है, जो हर किसी को झकझोर कर रख देती है। देबराज एक ओर देश सेवा में तैनात हैं, तो दूसरी ओर उनकी बेटी अब मां की ममता से वंचित हो गई है।
कैसे बिगड़ी लिपि की तबीयत?
- 28 अप्रैल 2025 को लिपि ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया था।
- जन्म के कुछ ही घंटों बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी।
- गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें तुरंत बुर्ला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- लिपि की हालत लगातार नाजुक बनी रही और वे अचेत अवस्था में ICU में भर्ती रहीं।
- डॉक्टरों के अनुसार, उनकी स्थिति मल्टी ऑर्गन फेल्योर की ओर बढ़ रही थी।
देश सेवा और पारिवारिक संकट के बीच फंसे देबराज
- 11 मई को देबराज को SSB से बॉर्डर ड्यूटी पर लौटने का बुलावा मिला।
- लिपि की नाजुक हालत और नवजात बेटी के बावजूद देबराज ने कर्तव्य को प्राथमिकता दी और ड्यूटी पर लौट गए।
- 13 मई को इलाज के दौरान लिपि का निधन हो गया।
यह एक ऐसा क्षण था, जहां एक सैनिक की देशभक्ति और पारिवारिक जिम्मेदारी के बीच दिल तोड़ देने वाली त्रासदी खड़ी थी।
नवजात बेटी – जिसने मां का चेहरा भी नहीं देखा
- लिपि की मौत ने महज 15 दिन की बच्ची को मां के स्नेह से वंचित कर दिया।
- बच्ची को अभी ठीक से मां की गोद भी नसीब नहीं हुई थी।
- अब देबराज की यह बेटी बचपन से ही मां के बिना जीवन जीने को मजबूर हो गई है।
गांव में पसरा मातम, हर आंख नम
- यह घटना लखनपुर ब्लॉक के टेंगनामाल गांव में हर किसी को भावुक कर गई।
- गांव के लोग लिपि के निधन से स्तब्ध हैं और परिवार के दुख में साथ खड़े हैं।
देश सेवा की कीमत – सवाल छोड़ गई यह घटना
यह कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं है, बल्कि हजारों सैनिकों की जमीनी हकीकत को उजागर करती है, जो हर दिन कर्तव्य और परिवार के बीच संघर्ष करते हैं।
जब देश की रक्षा के लिए जवान सीमाओं पर तैनात होते हैं, तो उनके पीछे उनका परिवार भी कई बार अनकही कुर्बानियां देता है।