by: vijay nandan
गढ़चिरौली: यहां 60 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इस समूह में कुख्यात माओवादी नेता सोनू उर्फ मल्लोजुला वेणुगोपाल राव भूपति भी शामिल हैं। पुलिस ने इन नक्सलियों के कब्जे से 50 से अधिक हथियार बरामद किए हैं। भूपति को नक्सली आंदोलन के सबसे पुराने और प्रभावशाली नेताओं में से एक माना जाता है। 69 वर्षीय भूपति बी.कॉम पास हैं और पिछले 40 वर्षों से नक्सल संगठन में सक्रिय हैं। वह महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित माड डिवीजन में प्रमुख भूमिका निभाता रहा है। उसके ऊपर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में कई बड़े हमलों और साजिशों में शामिल होने के आरोप है। उसके खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों ने 10 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था।

भूपति के परिवार में भी नक्सलियों के साथ जुड़े लोग रहे हैं। उसकी पत्नी तारक्का ने पिछले साल गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था और वर्तमान में पुलिस पुनर्वास शिविर में रह रही हैं। उसका छोटे भाई किशनजी (मल्लोजुला कोटेश्वर राव) भी पहले नक्सली संगठन में सक्रिय था, लेकिन 2011 में पश्चिम बंगाल के पास मुठभेड़ में मारा गया।

हाल ही में भूपति ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर शांति वार्ता और युद्धविराम की अपील की थी। माना जा रहा है कि यह सामूहिक आत्मसमर्पण उसी प्रयास का हिस्सा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, भूपति और उसके साथियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हथियार डालने की सहमति दी थी।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भूपति के आत्मसमर्पण से नक्सली संगठन की रीढ़ कमजोर हो सकती है। वह न केवल रणनीतिक फैसले लेने वाला मुख्य नेता था, बल्कि विभिन्न राज्यों में नक्सलियों के बीच समन्वय बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता था। इस आत्मसमर्पण को नक्सल आंदोलन के इतिहास का बड़ा झटका माना जा रहा है। गढ़चिरौली पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से पूछताछ शुरू कर दी है।