रिपोर्ट- फरहान खान, एडिट- विजय नंदन
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से बड़ी खबर सामने आई है। राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन का पुलिस से टकराव सुर्खियों में है। खंदौली के बिजौली गांव में हाल ही में हुए दो पक्षों के विवाद के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए थे। इसी बीच सांसद सुमन अपने समर्थकों के साथ गांव की ओर निकल पड़े, जहां पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान पुलिस और सांसद समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की हो गई।
क्या है पूरा मामला?
कुछ दिन पहले बिजौली गांव में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की। सांसद सुमन का आरोप है कि पुलिस ने इस विवाद में एकतरफा कार्रवाई की और केवल एक पक्ष को निशाना बनाया। उनका कहना है कि पीड़ित पक्ष को न्याय नहीं मिल रहा, इसलिए वे गांव जाकर हालात का जायजा लेना चाहते थे।
पुलिस से भिड़ंत और वीडियो वायरल
जब सांसद अपने समर्थकों के साथ गांव की ओर बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में रोक लिया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ी और मामला धक्का-मुक्की तक पहुंच गया। वहां मौजूद कुछ लोगों ने घटना का वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में सांसद सुमन पुलिसकर्मियों से बहस करते और आगे बढ़ने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं।

सांसद के घर के बाहर भी हंगामा
मामला यहीं नहीं थमा। सांसद के आगरा स्थित घर के बाहर भी उनके समर्थक जुट गए और नारेबाजी करने लगे। समर्थकों का आरोप था कि पुलिस जानबूझकर सांसद को गांव जाने से रोक रही है ताकि सच्चाई सामने न आ सके।
रामजीलाल सुमन का राजनीति में लंबा अनुभव है, लेकिन वे विवादों से भी दूर नहीं रहे। इससे पहले भी वे कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस से भिड़ चुके हैं। उनके राजनीतिक विरोधी अक्सर उन्हें सड़क छाप राजनीति करने वाला नेता कहते रहे हैं, वहीं समर्थक उन्हें जनता की आवाज उठाने वाला जनप्रतिनिधि मानते हैं।
रामजी लाल सुमन के पुराने विवाद
- सबसे बड़ा विवाद उस समय खड़ा हुआ जब रामजी लाल सुमन ने ऐतिहासिक चरित्र महाराणा सांगा पर विवादित बयान दिया था।
- करणी सेना और राजपूत संगठनों ने इसका जोरदार विरोध किया और जगह-जगह प्रदर्शन किए।
- आरोप लगा कि सांसद ने राजपूत समाज की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है।
प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप
- कई मौकों पर सुमन ने पुलिस और प्रशासन पर “एकतरफा कार्रवाई” करने का आरोप लगाया है।
- बिजौली गांव विवाद के समय भी उन्होंने यही आरोप लगाया, जिससे पुलिस और उनके बीच धक्का-मुक्की तक हो गई।
- इससे पहले भी वे कई बार कानून-व्यवस्था के मामलों में प्रशासन के साथ सीधे टकराव में रहे हैं।
जातीय राजनीति के आरोप
- विरोधियों का कहना है कि सुमन अक्सर जातिगत समीकरण साधने के लिए विवादित बयान देते हैं।
- स्थानीय स्तर पर उनके भाषणों और टिप्पणियों को लेकर राजनीतिक दलों ने कई बार नाराज़गी जताई है।
पार्टी लाइन से अलग बयान
- रामजी लाल सुमन कई बार अपनी ही पार्टी की आधिकारिक लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं।
- इससे उनकी पार्टी नेतृत्व के साथ भी तनातनी की स्थिति बनी और वे सुर्खियों में रहे।
विवादित बयानों से सुर्खियों में रहना
- वे कई बार राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर तीखे और व्यक्तिगत हमले करते रहे हैं।
- चुनावी रैलियों और सार्वजनिक मंचों पर दिए गए उनके बयान अक्सर मीडिया की हेडलाइन बने।
राजनीति में गर्माहट
इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी सरगर्मी बढ़ गई है। विपक्ष इसे सरकार और प्रशासन की मनमानी करार दे रहा है, जबकि बीजेपी समर्थक इसे सिर्फ राजनीतिक ड्रामा बता रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस विवाद का असर आगरा और आसपास की राजनीति पर भी पड़ सकता है। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन की कोशिश है कि गांव में दोबारा कोई तनाव न बढ़े और शांति व्यवस्था कायम रहे। वहीं सांसद सुमन का कहना है कि जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिलेगा, वे संघर्ष जारी रखेंगे।