BY: Yoganand Shrivastva
भुवनेश्वर: ओडिशा में ट्रैफिक महिला कांस्टेबल शुभमित्रा साहू की हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें मुख्य आरोपी उनके पति और पुलिस कांस्टेबल दीपक राउत हैं। घटना 6 सितंबर से लापता शुभमित्रा से जुड़ी है।
घटना की शुरुआत
शुभमित्रा साहू 6 सितंबर को ड्यूटी पर गई थीं और उसके बाद से लापता थीं। 7 सितंबर को उनके परिवार ने कैपिटल थाना में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। शुरुआती जांच में संदेह के घेरे में उनका पति दीपक राउत था, जो खुद पुलिस विभाग में तैनात हैं।
लव मैरिज और विवाद
कमिश्नर सुरेश देवदत्त सिंह ने बताया कि शुभमित्रा और दीपक की शादी जुलाई 2024 में कोर्ट मैरिज के जरिए हुई थी। शादी के बाद शुभमित्रा चाहती थीं कि उनकी शादी को सामाजिक रूप से मनाया जाए। इसके लिए उन्होंने दीपक से उत्सव के लिए पैसे मांगे, लेकिन दीपक ने इनकार कर दिया। यही वजह थी कि उनके बीच लगातार विवाद बढ़ता गया।
शुभमित्रा धार्मिक प्रवृत्ति की थीं और पहले मथुरा, काशी और पुरी जैसी जगहों की यात्रा कर चुकी थीं। शुरुआती जांच में पुलिस ने इन्हीं धार्मिक स्थलों पर उन्हें खोजने की कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
हत्या और शव का दफनाना
जांच में सबूत मिलने पर खुलासा हुआ कि दीपक राउत ने ही शुभमित्रा की हत्या की थी। उसने गला दबाकर उन्हें मार दिया और शव को अपनी कार में रखकर कीओंझर जिले के घटगांव क्षेत्र के जंगल में दफनाया। पूछताछ में दीपक ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
घटनास्थल पर पुलिस ने क्राइम सीन रीक्रिएशन किया और शव की बरामदगी के प्रयास किए। घटगांव के जंगल में लगातार बारिश के कारण जांच थोड़ी धीमी हुई, लेकिन पुलिस ने पूरी सतर्कता के साथ सबूत जुटाने का काम जारी रखा।
पुलिस की जांच और गंभीरता
कोर्ट मैरिज के बाद उत्सव मनाना सामान्य होता है, लेकिन इस मामले में यह इच्छा जानलेवा साबित हुई। दीपक ने न सिर्फ पत्नी का भरोसा तोड़ा, बल्कि पुलिस में तैनात होने के बावजूद कानून को कलंकित किया। पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है और हर पहलू का अध्ययन कर रही है ताकि दोषी को सजा दिलाई जा सके।





