BY: MOHIT JAIN
भारत ने अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने अगस्त 2025 में 97 नए तेजस Mk-1A विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी।
अब रक्षा मंत्रालय हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 66 हजार करोड़ रुपये का करार करने जा रहा है। यह अनुबंध अक्टूबर 2025 में साइन होने की संभावना है, लेकिन केवल तभी जब HAL पहले विमानों की डिलीवरी शुरू करेगा।

HAL की उत्पादन क्षमता और डिलीवरी
HAL की उत्पादन क्षमता सालाना 24 विमान है। कंपनी ने पहले ही 10 तेजस Mk-1A तैयार कर लिए हैं। सूत्रों के अनुसार, शुरुआती दो विमानों की वायुसेना को डिलीवरी देने के बाद ही 97 नए विमानों का अनुबंध फाइनल होगा।
सप्लाई चेन की दिक्कतें अब दूर हो गई हैं, और विमान अपने तय समय पर तैयार हो जाएंगे।
इंजन सप्लाई में सुधार
LCA कार्यक्रम की सबसे बड़ी चुनौती रही थी GE एयरोस्पेस से इंजन सप्लाई में देरी। अब स्थिति सुधर रही है। GE ने भारत को अब तक 3 इंजन सौंपे हैं और दिसंबर तक 7 और इंजन मिल जाएंगे। अगले साल 20 और इंजन आने की उम्मीद है।
मिसाइल ट्रायल्स से विमान की ताकत का परीक्षण
तेजस Mk-1A के साथ ASRAAM मिसाइल का परीक्षण पूर्वी सेक्टर में शुरू हो चुका है। इसके बाद बियोंड विज़ुअल रेंज (BVR) मिसाइल का फायरिंग ट्रायल होगा।
ये परीक्षण विमान की पूरी क्षमता और युद्ध कौशल का प्रमाण हैं।
ट्रेनर वर्जन और एडवांस तकनीक
नई डील के तहत 29 ट्रेनर जेट्स भी वायुसेना को मिलेंगे। इनमें उत्तम AESA रडार और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम लगे होंगे।
यह सौदा वायुसेना को संख्या में मजबूती देगा और पुराने मिग-21 विमानों की जगह आधुनिक, स्वदेशी तकनीक से लैस विमानों को शामिल करेगा।
भारत की यह मेगा डिफेंस डील न सिर्फ स्वदेशी विमान उत्पादन को बढ़ावा देगी, बल्कि वायुसेना की ताकत और आधुनिक तकनीक में सुधार लाने में भी अहम भूमिका निभाएगी।