BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली | दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 का हाई-वोल्टेज मुकाबला शुरू हो चुका है। हालांकि इस मैच से पहले ही देश में सियासी बवंडर खड़ा हो गया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद विपक्षी दलों ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के फैसले को “असंवेदनशील” बताते हुए सरकार पर निशाना साधा। वहीं, सरकार ने इसे राजनीति से अलग एक खेल आयोजन बताया।
केजरीवाल का तीखा हमला: “ये ग़द्दारी है”
आप पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“पाकिस्तान के साथ मैच खेलना देश के साथ ग़द्दारी है। जब पाकिस्तान से आतंकवाद फैलाया जा रहा है तो क्रिकेट और आतंकवाद साथ-साथ क्यों? मोदी जी को जवाब देना चाहिए। क्या यह मैच किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव में कराया जा रहा है?”
आदित्य ठाकरे का बयान: “शहीद परिवारों का दर्द समझिए”
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज का मैच सिर्फ अंक हासिल करने का खेल नहीं है।
“टीम इंडिया को यह समझना चाहिए कि वे ऐसे देश के खिलाफ खेल रहे हैं, जहां से आए आतंकियों ने हमारे लोगों का खून बहाया। उन परिवारों के बारे में सोचें जिन्होंने पहलगाम हमले में अपनों को खोया।”
नाना पाटेकर की राय: “भारत को नहीं खेलना चाहिए था”
फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर ने कहा:
“जब पाकिस्तानियों ने हमारे लोगों का खून बहाया है तो हमें उनके साथ क्यों खेलना चाहिए? मेरी निजी राय है कि भारत को यह मैच नहीं खेलना चाहिए था।”
तेजस्वी यादव का तंज
राजद नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा:
“प्रधानमंत्री कहते थे कि उनकी रगों में सिंदूर दौड़ता है। अब उन्हें ही जवाब देना चाहिए कि पाकिस्तान के साथ मैच का आयोजन क्यों हो रहा है।”
शशि थरूर का क्रिप्टिक पोस्ट
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने X (पूर्व ट्विटर) पर भारतीय टेनिस टीम को डेविस कप में स्विट्जरलैंड पर मिली जीत की बधाई देते हुए क्रिकेट टीम पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी की, जिसने इंटरनेट पर ध्यान खींचा।
सरकार का जवाब: “खेल और राजनीति को अलग रखें”
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मैच के आयोजन का बचाव करते हुए कहा:
“खेल को राजनीति से जोड़ना खिलाड़ियों के साथ अन्याय है। यह मैच सोच-समझकर कराया जा रहा है। क्रिकेट की अपनी भावनाएं हैं, जो राजनीति से अलग हैं।”
भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं का मैदान बन गया है। विपक्ष इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर सरकार पर हमलावर है, जबकि सरकार का कहना है कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए। पहलगाम हमले के बाद यह विवाद और भी संवेदनशील हो गया है।





