BY: Yoganand Shrivastava
मुंबई: दुबई में आज होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता शरद कोली का एक धमकी भरा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में उन्होंने राज्य के होटल मालिकों को चेतावनी दी है कि अगर किसी होटल में भारत-पाकिस्तान मैच की लाइव स्ट्रीमिंग हुई, तो होटल को तोड़ दिया जाएगा।
धमकी भरा वायरल वीडियो
सोलापुर के शिवसेना (UBT) नेता शरद कोली ने यह बयान एक वीडियो के जरिए दिया, जिसमें उनके हाथ में क्रिकेट बैट भी नजर आ रहा है। वीडियो में कोली कहते हैं:
“दुबई में भारत और पाकिस्तान का मैच हो रहा है। जिस पाकिस्तान ने हमारे देश और महाराष्ट्र की बहनों का सिंदूर मिटाया है, उस देश के साथ मैच नहीं खेला जाना चाहिए। मैं सभी होटल मालिकों से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि वे अपने होटल में इस मैच का प्रसारण न करें। अगर ऐसा किया गया, तो यह बैट आपके होटल तोड़ने में इस्तेमाल होगा और इसके लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे।”
राजनीतिक बयानबाजी तेज
उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने का विरोध सामने आने के बाद शिंदे गुट ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद नरेश म्हस्के ने ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान भी भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच होते रहे, भले ही रिश्ते तनावपूर्ण रहे हों।
म्हस्के ने कहा,
“शिवसेना-यूबीटी को मैच का विरोध करने का नैतिक अधिकार नहीं है। ठाकरे ने सत्ता के लिए हिंदुत्व को त्याग दिया और पाकिस्तान की प्रशंसा भी की। अब अचानक क्रिकेट मैच का विरोध करना सही नहीं है। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत-पाकिस्तान मैच हमेशा खेले जाते रहे हैं और आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर रोक अब भी जारी है।”
ठाकरे का बयान
उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा था कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना उन सैनिकों के बलिदान का अपमान है जो सीमा पर अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं। उन्होंने मैच को रद्द करने की मांग की थी।
विवाद के पीछे राजनीतिक समीकरण
भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर हमेशा ही राजनीति गरमाती रही है। इस बार भी शिवसेना के दोनों गुटों के बीच तीखे बयानबाजी का दौर चल रहा है। एक तरफ ठाकरे गुट मैच का विरोध कर रहा है, वहीं शिंदे गुट का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ऐसे मैच सामान्य बात है और इसे राजनीतिक रंग देना गलत है।