BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में स्कूटी वितरण कार्यक्रम में खुद हेलमेट पहन कर विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा का महत्वपूर्ण संदेश दिया। इस पहल को स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने भी सराहा और विद्यार्थियों से यातायात नियमों का पालन करने का आग्रह किया।
सुरक्षित ड्राइविंग के लिए महत्वपूर्ण नियम
मंत्री श्री सिंह ने स्कूटी पाने वाले टॉपर्स से अपील करते हुए कहा कि वे सुरक्षित ड्राइविंग को अपनी प्राथमिकता बनाएं। उन्होंने कुछ जरूरी नियमों का पालन करने पर जोर दिया:
- हेलमेट है जरूरी: स्कूटी चलाते समय और पीछे बैठने वाले दोनों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
- यातायात नियमों का पालन: ट्रैफिक सिग्नल, जेब्रा क्रॉसिंग और स्टॉप लाइन का हमेशा सम्मान करें।
- मोबाइल का उपयोग नहीं: वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि यह दुर्घटना का कारण बन सकता है।
- सावधानी से ड्राइव करें: अनावश्यक हॉर्न बजाने से बचें, मुड़ने से पहले इंडिकेटर दें, और गलत दिशा में न चलें। ओवरटेक करने से बचें और वाहन की नियमित जांच करते रहें।
ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी जानकारी
परिवहन मंत्री ने बताया कि 16 से 18 साल के युवाओं को 50 सीसी से कम इंजन वाली गेयरलेस गाड़ियों के लिए लर्नर लाइसेंस दिया जाता है, जबकि 18 साल पूरे होने पर वे गियर वाले हल्के मोटर वाहनों के लिए स्थायी लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। लर्नर लाइसेंस जारी होने के 30 दिन बाद 180 दिन के भीतर ड्राइविंग टेस्ट देना अनिवार्य है।
23 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को मिला लाभ
राज्य सरकार ने तीन साल पहले मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘नि:शुल्क स्कूटी प्रदाय योजना’ शुरू की थी। इस योजना के तहत अब तक 23,454 टॉपर विद्यार्थियों को 246 करोड़ 58 लाख रुपये की लागत से स्कूटी दी जा चुकी है।
विद्यार्थियों ने अपनी पसंद के अनुसार स्कूटी का चयन किया है। पेट्रोल स्कूटी के लिए ₹90,000 और इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए ₹1,20,000 की राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। इस राशि में रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस और हेलमेट का खर्च भी शामिल है।





