BY: Yoganand Shrivastva
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा प्रस्तावित शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम ‘सेंट मैरी’ रखने की योजना पर विवाद बढ़ गया है। इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया और जनता में तीखी बहस छिड़ गई है। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि इस स्टेशन का नाम प्रसिद्ध कन्नड़ अभिनेता-निर्देशक शंकर नाग के नाम पर क्यों नहीं रखा गया।
विवाद की शुरुआत
The Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, यह बहस तब शुरू हुई जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में सेंट मैरी बेसिलिका के वार्षिक भोज के दौरान आर्कबिशप पीटर मचाडो को आश्वासन दिया कि आगामी पिंक लाइन मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी पर रखने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बेसिलिका के जीर्णोद्धार के लिए आर्थिक सहायता देने का भी वादा किया। सीएम ने कहा कि इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के सामने रखा जाएगा और उचित प्रक्रियाओं के तहत अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
X (पूर्व ट्विटर) पर लोगों ने अपने गुस्से और विरोध का इज़हार किया।
- एक यूजर ने लिखा, “कर्नाटक सरकार मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी क्यों रखना चाहती है? इसका नाम शंकर नाग जैसे कन्नड़ icons या योग्य व्यक्तियों के नाम पर क्यों नहीं रखा जाता?”
- दूसरे यूजर ने सवाल उठाया, “हमारे कन्नड़ समुदाय ने इतने योगदान दिए हैं, फिर मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी क्यों रखा जा रहा है?”
विधायक का पक्ष
शिवाजीनगर क्षेत्र के विधायक रिजवान अरशद ने कहा कि यह प्रस्ताव सेंट मैरी बेसिलिका के सम्मान में रखा गया है। उन्होंने बताया कि बेसिलिका शिवाजीनगर बस डिपो के पास स्थित है, जिससे यात्रियों को भ्रम नहीं होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भविष्य में कई अन्य मेट्रो स्टेशनों का नाम शंकर नाग के सम्मान में रखा जा सकता है।
शंकर नाग कौन थे?
शंकर नाग कन्नड़ सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक थे। 1980 के दशक में उन्होंने अन्य देशों के मेट्रो नेटवर्क का अध्ययन किया और बेंगलुरु में आधुनिक शहरी रेल प्रणाली की स्थापना के लिए सुझाव दिए। उनका सपना था कि बेंगलुरु को सिंगापुर जैसे स्मार्ट शहर में विकसित किया जाए।





