BY: Yoganand Shrivastva
मांड्या (कर्नाटक): कर्नाटक के मांड्या जिले के मद्दुर कस्बे में रविवार को गणपति विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक झड़प हो गई। शोभायात्रा के दौरान हुए पथराव से इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने तत्काल अतिरिक्त बल तैनात कर हालात को काबू में लिया और एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू कर दी है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
पुलिस के अनुसार, राम रहीम नगर इलाके में गणेश प्रतिमा विसर्जन की शोभायात्रा निकल रही थी। इसी दौरान दो समुदायों के युवकों के बीच कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते झड़प में बदल गई। कुछ उपद्रवियों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस को मौके पर पहुंचकर हालात संभालने पड़े।
लाठीचार्ज और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया और भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी। पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कराया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
घटना पर केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि हिंदू उत्सवों में बाधा डाली जा रही है और इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।
भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “कुछ असामाजिक तत्वों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, इसी कारण इस तरह की हिंसा होती है। पुलिस का रवैया भी एकतरफा दिखता है।”
राज्य के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने बयान जारी कर कहा कि “स्थिति अब नियंत्रण में है, कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इलाके में शांति बहाल की जा रही है।”
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि “कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए हिंदू त्योहारों को निशाना बना रही है और उपद्रवियों को खुली छूट दे रही है।”
फिलहाल हालात काबू में
पुलिस ने बताया कि इलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है और किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। प्रशासन ने दोनों समुदायों से सहयोग करने और शांति बनाए रखने की अपील की है।





