अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। ट्रम्प का कहना है कि ये टैरिफ रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने में मदद करेंगे और अमेरिका की आर्थिक ताकत बढ़ाने के लिए अहम हैं।
निचली अदालत ने टैरिफ को बताया गैरकानूनी
अमेरिका की अपील कोर्ट ने पहले ट्रम्प के ज्यादातर टैरिफ को गैरकानूनी बताया था। कोर्ट का कहना था कि ट्रम्प ने जिन कानूनों का सहारा लिया, वे उन्हें इतनी व्यापक शक्तियां नहीं देते।
- निचली अदालत का फैसला 7-4 के अनुपात में आया।
- अदालत ने कहा कि 1977 का इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) ट्रम्प को इतनी बड़ी सीमा तक टैरिफ लगाने की अनुमति नहीं देता।
- हालांकि, अदालत ने फैसला अक्टूबर तक लागू करने से रोक दिया, ताकि ट्रम्प सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें।
ट्रम्प का तर्क: युद्ध रोकने और आर्थिक लाभ
ट्रम्प ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि भारत पर टैरिफ इसलिए लगाया गया ताकि रूस से तेल खरीदने को रोका जा सके और यूक्रेन में युद्ध खत्म करने में मदद मिल सके।
उनका कहना था:
“यदि ये टैरिफ नहीं लगाए गए होते, तो हमारी हाल की व्यापारिक वार्ता और यूरोपीय यूनियन, जापान और दक्षिण कोरिया के समझौते खतरे में पड़ सकते थे।”
छोटे कारोबारियों की आपत्ति
छोटे व्यवसायों के वकील जेफ्री श्वाब ने कहा कि ट्रम्प के टैरिफ छोटे कारोबारियों के लिए नुकसानदेह हैं। उन्होंने जल्द फैसले की उम्मीद जताई।
भारत पर टैरिफ का उदाहरण
ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि उन्होंने भारत पर 50% टैरिफ लगाया क्योंकि दोनों देशों के बीच लंबे समय से ‘एकतरफा रिश्ता’ था।
- उन्होंने बताया कि भारत अमेरिकी सामानों पर 100% टैरिफ लगाता है।
- उदाहरण के तौर पर, हार्ले डेविडसन भारत में मोटरसाइकिल नहीं बेच पा रही थी क्योंकि टैरिफ 200% था।
- अमेरिकी कंपनी ने भारत में ही प्लांट बनाकर टैरिफ से बचने का रास्ता निकाला।
ट्रम्प का कहना है कि टैरिफ अमेरिका की आर्थिक ताकत और व्यापारिक संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी हैं।





