लगातार हो रही बारिश ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हालात बिगाड़ दिए हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
सीएम योगी ने साफ कहा कि कोई भी व्यक्ति बाढ़ की समस्या से परेशान न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। प्रभावित लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनकी सभी बुनियादी जरूरतें पूरी करने पर जोर दिया गया।
22 जिले और 768 गांव बाढ़ से प्रभावित
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के अनुसार:
- 22 जिले, 43 तहसील और 768 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
- लगभग 2.52 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं।
- अब तक 33,370 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
- बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रफल 37,279 हेक्टेयर से अधिक है।
सरकार ने राहत कार्यों के लिए बड़े स्तर पर इंतजाम किए हैं।
- प्रभावित इलाकों में 550 नावें और मोटरबोट राहत सामग्री पहुंचा रही हैं।
- मंगलवार तक 6,458 भोजन पैकेट और 7,143 लंच पैकेट वितरित किए जा चुके हैं।
सीएम योगी के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कहा कि:
- बाढ़ प्रभावित लोगों की सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।
- जरूरतमंदों को समय पर भोजन, दवा और अन्य सहायता मिले।
- मवेशियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए जाएं।
किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा?
वर्तमान में जिन जिलों में बाढ़ का असर सबसे ज्यादा है, उनमें शामिल हैं:
- वाराणसी
- प्रयागराज
- बहराइच
- बांदा
- मिर्जापुर
- कानपुर नगर व देहात
- गोंडा
- लखीमपुर खीरी
- मेरठ
- मुजफ्फरनगर
- शाहजहांपुर
- उन्नाव
इसके अलावा औरैया, चंदौली, फतेहपुर, बाराबंकी, बदायूं, फर्रुखाबाद, हरदोई, कासगंज और मुरादाबाद में भी राहत कार्य जारी हैं।
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उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश ने बाढ़ की स्थिति को गंभीर बना दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मोर्चा संभालते हुए राहत कार्यों पर नजर रखी है। सरकारी टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचा रही हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।





