BY: Yoganand Shrivastva
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सफल मिशन के बाद स्वदेश लौट आए हैं। गुरुवार को उन्होंने पृथ्वी विज्ञान और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह तथा इसरो प्रमुख वी. नारायणन के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस मौके पर शुभांशु शुक्ला ने कहा –
“भारत आज भी अंतरिक्ष से सारे जहां से अच्छा नजर आता है। जय हिंद, जय भारत।”
मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष में किए गए प्रयोग केवल वहां तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि धरती पर भी उनका फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए है। उन्होंने याद दिलाया कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से यह घोषणा की थी कि भारत अब अंतरिक्ष में मानव भेजने के लिए तैयार है।
शुक्ला बोले – अनुभव अमूल्य है
Axiom-4 मिशन से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बताया कि मिशन पूरी तरह सफल रहा और सभी तकनीकी उद्देश्यों को हासिल किया गया। उन्होंने कहा कि मानव अंतरिक्ष उड़ान का वास्तविक लाभ केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं होता, बल्कि वहां रहकर जो अनुभव और ज्ञान मिलता है, वह अद्वितीय होता है।
उन्होंने कहा – “गगनयान और भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन मिशनों में यह अनुभव बहुत मददगार होगा। बहुत जल्द हम अपने रॉकेट और कैप्सूल से अंतरिक्ष में भारतीयों को भेजेंगे। अंतरिक्ष में बिताए 20 दिन शरीर को पूरी तरह बदल देते हैं और गुरुत्वाकर्षण से तालमेल खत्म हो जाता है।”
इसरो अध्यक्ष की बातें
इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने दक्षिण एशियाई देशों को उपग्रह उपलब्ध कराया और हाल ही में G20 देशों के लिए भी विशेष उपग्रह तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि दस साल पहले जहां अंतरिक्ष क्षेत्र में केवल एक स्टार्टअप था, वहीं आज 300 से अधिक कंपनियां सक्रिय हैं। हाल ही में GSLV-F16 ने नासा–इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार को सफलतापूर्वक स्थापित किया। आने वाले महीनों में भारत अमेरिकी संचार उपग्रह (6500 किलोग्राम) को अपने प्रक्षेपण यान से लॉन्च करेगा।





