BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर। ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। मेघालय पुलिस 1 सितंबर को शिलॉन्ग कोर्ट में चालान पेश करने की तैयारी में है। इसी सिलसिले में जांच टीम मंगलवार देर शाम इंदौर पहुंची। यहां पुलिस मोबाइल दुकानदारों से पूछताछ कर रही है, ताकि आरोपियों के इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन से जुड़े आखिरी सबूत जुटाए जा सकें।
मोबाइल दुकानदारों से होगी पूछताछ
पुलिस के पास तीन मोबाइल हैं, जिनके बिल और दुकानदारों की जानकारी भी जुटाई गई है। माना जा रहा है कि बुधवार को टीम इन दुकानदारों से बयान दर्ज करेगी।
सोनम के लिए नियुक्त हुआ वकील
इस समय सभी आरोपी जेल में हैं। फिलहाल किसी आरोपी की ओर से निजी वकील सामने नहीं आया है। हालांकि, राजा रघुवंशी के परिजनों का कहना है कि सोनम के परिवार ने उसके लिए वकील नियुक्त कर दिया है। परिजन के मुताबिक, उनके वकील को चालान पेश होने की आधिकारिक सूचना मिल चुकी है और वे आरोपियों की जमानत का विरोध कर रहे हैं। कुछ दिन पहले भी जमानत याचिका दायर हुई थी, जिसे परिजनों के विरोध के बाद खारिज कर दिया गया।
शादी के 11 दिन बाद हुआ था कांड
राजा रघुवंशी की शादी 11 मई को सोनम से हुई थी। 20 मई को दोनों हनीमून के लिए मेघालय रवाना हुए। 22 मई को वे सोहरा घूमने निकले और एक्टिवा किराए पर ली। 24 मई से उनका परिवार उनसे संपर्क नहीं कर पा रहा था। इसके बाद 27 मई से खोजबीन शुरू हुई, लेकिन खराब मौसम की वजह से तलाशी अभियान कई बार रुका। अंततः 2 जून को राजा का शव खाई में मिला।
पोस्टमार्टम में हत्या की पुष्टि
3 जून को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि राजा की मौत सामान्य नहीं, बल्कि धारदार हथियार (पेड़ काटने वाला औजार) से हमला कर हत्या की गई थी।
गाजीपुर से पकड़ी गई सोनम
हत्या के बाद सोनम फरार हो गई थी। 9 जून को वह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के एक ढाबे पर पुलिस के हत्थे चढ़ी। इसके बाद मामले में कई परतें खुलीं और आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से तीन को जमानत मिल चुकी है।





