केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर स्थित आवास पर बम विस्फोट की धमकी से हड़कंप मच गया। शुक्रवार सुबह 9:15 बजे नागपुर पुलिस कंट्रोल रूम में एक कॉल आई, जिसमें अज्ञात व्यक्ति ने दावा किया कि “गडकरी के घर को बम से उड़ा दिया जाएगा।” कॉल मिलते ही आला अधिकारियों में हलचल मच गई और तत्काल उनके घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई।
धमकी की कॉल और अफरातफरी
धमकी मिलने के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और घर के आसपास बम स्क्वाड, डॉग स्क्वाड और QRT (क्विक रिस्पॉन्स टीम) तैनात कर दी गई। हर कोण से घर की बम की जांच की गई। हालांकि कुछ संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
लगातार तकनीकी सर्विलांस के जरिये पुलिस ने कुछ ही घंटों में उमेश राउत (32) नाम के एक व्यक्ति को कुंभारी गांव, जिला वर्धा से गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी मानसिक रूप से अस्थिर हो सकता है। उसने नशे की हालत में धमकी भरी कॉल की थी।
पुलिस उपायुक्त राहुल मदने ने बताया कि –
“आरोपी का फोन ट्रेस किया गया और टेक्निकल सर्विलांस से उसकी लोकेशन वर्धा के कुंभारी गांव में मिली। टीम ने उसे तुरंत हिरासत में लिया। उससे पूछताछ जारी है।”
आरोपी की मानसिक स्थिति जांच के घेरे में
बताया जा रहा है कि आरोपी उमेश राउत पहले भी एक-दो बार सार्वजनिक स्थानों पर आपत्तिजनक व्यवहार कर चुका है। पुलिस आरोपी की मानसिक स्थिति का मेडिकल परीक्षण करवा रही है। साथ ही यह भी जांच रही है कि कहीं उसके पीछे कोई संगठित नेटवर्क या राजनैतिक मकसद तो नहीं है।
गडकरी की सुरक्षा में हुआ इज़ाफा
घटना के बाद गडकरी के नागपुर स्थित आवास की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। Z+ सिक्योरिटी के तहत पहले से ही तैनात कमांडोज़ के अलावा स्थानीय पुलिस की एक अतिरिक्त टीम भी तैनात की गई है।
पहले भी मिल चुकी है धमकी
यह पहली बार नहीं है जब नितिन गडकरी को धमकी मिली हो। इससे पहले जनवरी 2023 में भी एक ईमेल के जरिए धमकी भेजी गई थी। उस मामले में भी जांच में आरोपी मानसिक रोगी पाया गया था।
देश के वरिष्ठ मंत्री को धमकी मिलना सिर्फ सुरक्षा का सवाल नहीं, बल्कि एक संकेत है कि कैसे टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करके किसी भी वीआईपी की सुरक्षा को चुनौती दी जा सकती है। पुलिस का त्वरित एक्शन सराहनीय रहा, पर ऐसे मामलों में और भी सतर्कता जरूरी है।