टेस्ला की ऑटोपायलट कार से जुड़े एक गंभीर हादसे पर मियामी कोर्ट ने बड़ा निर्णय सुनाया है। इलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला को 243 मिलियन डॉलर (करीब 2100 करोड़ रुपये) का मुआवजा देना होगा। यह फैसला चार साल लंबे ट्रायल के बाद आया।
हादसा कैसे हुआ था?
यह मामला 2019 का है, जब फ्लोरिडा के लार्गो शहर में टेस्ला मॉडल S सेडान ने एक SUV को टक्कर मार दी।
- हादसे में 22 वर्षीय नाइबेल बेनावाइड्स की मौत हो गई।
- उसका बॉयफ्रेंड डिलन एंगुलो गंभीर रूप से घायल हुआ।
- कोर्ट के मुताबिक, ऑटोपायलट सिस्टम की खराबी इस दुर्घटना की वजह बनी।
हालांकि टेस्ला ने दावा किया था कि ड्राइवर फोन इस्तेमाल कर रहा था, लेकिन अदालत ने इसे मानने से इनकार कर दिया।
पीड़ित परिवार के आरोप
- 2021 में पीड़ित परिवार ने केस दर्ज किया।
- आरोप लगाया गया कि टेस्ला ने ऑटोपायलट सिस्टम की खराबी छुपाई।
- परिवार का दावा था कि कंपनी ने हादसे से जुड़े डेटा और वीडियो फुटेज भी मिटा दिए।
ट्रायल के दौरान क्या हुआ?
- 2021 से 2025 तक केस चला।
- टेस्ला ने कोशिश की कि हादसे की जिम्मेदारी ड्राइवर पर डाली जाए।
- अंत में कंपनी ने गाड़ी की खराबी स्वीकार की, लेकिन सबूत छुपाने के आरोप नकार दिए।
टेस्ला का बचाव
कोर्ट के आदेश के बाद टेस्ला ने बयान जारी कर फैसले को गलत बताया।
कंपनी ने कहा:
“आज का फैसला गलत है। यह मोटर व्हीकल सेफ्टी और जीवन बचाने वाली तकनीकों के विकास को खतरे में डाल सकता है। ड्राइवर ने पहले ही एक्सीडेंट की जिम्मेदारी ली थी, फिर भी कार को दोषी ठहराया गया।”
टेस्ला ऑटोपायलट कैसे काम करता है?
टेस्ला का ऑटोपायलट फीचर कार को बिना ड्राइवर की मदद से चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- सैटेलाइट और मैपिंग: कार लोकेशन और रूट के लिए सैटेलाइट से जुड़ती है।
- कैमरा इनपुट: कार के चारों ओर लगे कैमरे बाधाओं का पता लगाते हैं।
- सेंसर सिस्टम: रोड लेन और ट्रैफिक सिग्नल को पढ़ने में मदद करता है।
- गति: ऑटोपायलट मोड में स्पीड 100 किमी/घंटा से ऊपर तक जा सकती है।
हालांकि, कई बार सेंसर सही ढंग से काम नहीं करते, जिससे हादसे की संभावना बढ़ जाती है।
टेस्ला ऑटोपायलट हादसा एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि क्या ऑटोनॉमस टेक्नोलॉजी पूरी तरह सुरक्षित है? मियामी कोर्ट का यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार के लिए राहत लाता है, बल्कि सेल्फ-ड्राइविंग कारों की सुरक्षा को लेकर वैश्विक बहस को और तेज कर सकता है।