आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-हत्या मामले को लेकर ममता बनर्जी सरकार एक बार फिर विवादों में है। इस बार वजह लोगों के प्रदर्शन को रोकने की कोशिश है। दरअसल, पीड़िता को न्याय दिलाने और इस घटना के विरोध में कोलकाता के लोगों ने नबन्ना अभियान’ रैली की घोषणा कर रखी है, लेकिन ममता बनर्जी सरकार इसे अनुमति नहीं दी। जिसे लेकर कोलकाता पुलिस और प्रदर्शनकारियों में नोकझोंक हुई है।
6 हजार पुलिसकर्मी तैनात
पुलिस और प्रदर्शनकारियों में नोकझोंक की खबर हावड़ा ब्रिज से आई है। यहां पुलिस और छात्रों के बीच जबरदस्त भिड़ंत हुई है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को लाठी डंडों से लैस देखा गया। छात्र संगठनों के मार्च को देखते हुए सुबह से पुलिस अलर्ट पर है। अलग-अलग जगहों पर 6 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं। छात्रों के सचिवालय तक मार्च को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने हावड़ा ब्रिज को ब्लॉक कर रखा था।
प्रदर्शनकारी नबान्ना जाने पर अड़े
बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती के बीच निकाले जा रहे मार्च में शामिल एक प्रदर्शनकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “कुछ भी हो जाए, हम नबन्ना तक पहुंचेंगे। हमें मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग के साथ राज्य सचिवालय पहुंचना है, जिनका प्रशासन इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने की और घटना को दबाने की कोशिश कर रहा है।” दरअसल, नबान्न पश्चिम बंगाल सरकार का सचिवालय है। प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर महिलाओं को सुरक्षा मुहैया न करा पाने का आरोप लगा रहे हैं और उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
ममता दे इस्तीफा- प्रदर्शनकारी
इस विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से युवा शामिल हैं, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।