झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान जल संसाधन मंत्री चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के चर्चा जोरों पर है। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले ही इन अफवाहों को उन्होंने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि क्या अफवाहें हैं, नहीं हैं, यह हमें नहीं पता। हमें खबर ही नहीं पता है तो हम सच, झूठ का क्या आंकलन करेंगे। हमें कुछ नहीं पता है। हम जहां हैं वहीं हैं।
हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें कथित भूमि घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया था। उनकी अनुपस्थिति में चंपई सोरेन 2 फरवरी से 3 जुलाई तक मुख्यमंत्री रहे। 28 जून को हेमंत सोरेन को झारखंड उच्च न्यायालय ने मामले में जमानत दे दी थी। 4 जुलाई को उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 49 वर्षीय नेता ने अपने मंत्रिमंडल में चंपई सोरेन को शामिल किया, जिन्हें उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभागों के अलावा जल संसाधन विभाग भी दिया गया था।
चंपई सोरेन की क्या गलती थी?
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के सांसद दीपक प्रकाश ने चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने को लेकर झामुमो नेतृत्व की आलोचना की है और कहा कि “वह एक बड़ी शख्सियत हैं। झारखंड के 3.5 करोड़ लोग उनके काम से खुश थे… लेकिन जिस तरह से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, वह दुर्भाग्यपूर्ण था। यह एक झटका था कि एक अच्छे व्यक्ति को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया गया। उनकी क्या गलती थी?” साथ ही उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन को पार्टी में शामिल करना केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर करता है।