रिपोर्ट- संजीव कुमार
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बोकारो स्टील प्लांट: हड़ताल एवं विरोध
- स्थान: बोकारो स्टील प्लांट, सीसीएल क्षेत्र
- समर्थन: ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले मजदूरों ने प्रदर्शन किया
- प्रदर्शन: प्लांट के “ए गेट” के बाहर सुबह से नेता मौजूद, सरकार विरोधी नारे लगाए गए
- गोलबंदी: मजदूरों ने निर्माण काम ध्वस्त कर दिया; प्लांट में प्रवेश रद्द रहा
- बॉक्सें बंद: हालांकि संविदाकर्मी व कुछ कर्मचारी प्रवेश करने में सफल रहे
सेल कर्मचारियों की छुट्टी रद्द
बोकारो स्टील प्रबंधन ने हड़ताल को देखते हुए सभी सेल कर्मियों की छुट्टी रद्द की, ताकि काम जारी रहे।
सेवाओं पर संभावित असर
इस हड़ताल के चलते डाक सेवा, बैंकिंग, सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियाँ एवं अन्य बुनियादी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
यूनियन की प्रतिक्रिया
ट्रेड यूनियन के नेता ने कहा:
“पूरे देश में हड़ताल का असर देखा जा रहा है। ये कानून मजदूरों के हित में नहीं हैं, बोकारो स्टील में भी असर है। विधायी बदलाव से मजदूरों को समझ आएगा कि ये नियम उनके खिलाफ हैं।”
— उन्होंने श्रमिकों को आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया।
प्रस्तावित लेबर कोड—यूनियन की आपत्ति
- केंद्र द्वारा चार श्रम संहिताएँ लागू करने का प्रस्ताव, पुराने 44 कानूनों को रद्द करते हुए
- यूनियन का आरोप:
- श्रमिकों पर नियमन कम, कानूनी अधिकारों में कमी
- निरीक्षण प्रावधान समाप्त
- ओवरटाइम, वर्किंग घंटे और विश्राम नियम राज्यों के पास छोड़ दिए गए—जो मजदूर विरोधी हैं।
बोकारो में यह अभियान पहले भी चला
- 20 मई को कैंवियन आयोजित किया गया, जिसमें मजदूरों ने हड़ताल का समर्थन किया था Live Hindustan
- यूनियनों ने 9 जुलाई की देशव्यापी हड़ताल का नोटिस प्रबंधन को सौंपा था Live Hindustan+1Prabhat Khabar+1
स्थिति सारांश
पहलु | विवरण |
---|---|
प्रभाव क्षेत्र | बोकारो स्टील प्लांट, सीसीएल क्षेत्र, सार्वजनिक सेवाएँ |
प्रबंधन की रणनीति | सेल कर्मियों की छुट्टियों को रद्द कर काम को बनाए रखना |
यूनियन की मांगें | नए लेबर कोड वापस, पुरानी श्रम संहिताओं को बहाल, श्रमिक अधिकारों की रक्षा |
आगे क्या होगा | आंदोलन जारी, प्रबंधन व केंद्रीय सरकार से वार्ता की संभावना |