बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर की अपकमिंग फिल्म ‘रामायण’ इन दिनों चर्चा में है। फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं नितेश तिवारी और इसमें अरुण गोविल, जो 1987 की टीवी ‘रामायण’ में राम का किरदार निभा चुके हैं, अब राजा दशरथ की भूमिका में नजर आएंगे। इस खबर पर अब दीपिका चिखलिया, जिन्होंने उसी सीरियल में माता सीता का किरदार निभाया था, ने प्रतिक्रिया दी है।
दीपिका चिखलिया ने कहा – “मुझसे संपर्क तक नहीं किया गया”
दीपिका चिखलिया ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्हें इस फिल्म के लिए कभी अप्रोच नहीं किया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा:
“मुझसे संपर्क नहीं किया गया, लगता है मेकर्स ने मुझसे बात करने की भी जहमत नहीं उठाई।”
उनका ये बयान न केवल उनके फैंस को हैरान कर गया, बल्कि ये सवाल भी खड़ा कर गया कि ऐसी ऐतिहासिक फिल्म में पुराने कलाकारों को उचित सम्मान क्यों नहीं दिया गया।
अरुण गोविल को राजा दशरथ के किरदार में देखना ‘समझ से परे’
दीपिका चिखलिया ने अरुण गोविल के नए रोल को लेकर कहा:
“मैंने उन्हें हमेशा राम के किरदार में ही देखा है। राजा दशरथ के रूप में देखना मेरी समझ से बाहर है।”
उन्होंने यह भी कहा कि कोई एक बार भगवान राम का किरदार निभा ले, तो जनता के दिलों में वही छवि बस जाती है। ऐसे में किसी दूसरे रोल में उन्हें स्वीकार करना मुश्किल होता है।
“रामायण में अब कोई और किरदार नहीं निभाऊंगी”
दीपिका चिखलिया ने साफ किया कि वह ‘रामायण’ में अब कोई और रोल नहीं करना चाहतीं। उन्होंने कहा:
“मैं माता सीता का किरदार निभा चुकी हूं। अगर कभी महाभारत या शिव पुराण जैसे प्रोजेक्ट में रोल मिला, तो सोच सकती हूं। लेकिन रामायण में अब किसी और भूमिका में नहीं दिखूंगी।”
‘रामायण’ की विरासत और नए अवतार की चुनौती
1987 में टेलीकास्ट हुई रामानंद सागर की ‘रामायण’ आज भी लोगों के दिलों में बसी है। लॉकडाउन के दौरान इसका दोबारा प्रसारण हुआ और इसने TRP के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। अब जब नितेश तिवारी इसे नए रूप में ला रहे हैं, तो दर्शकों की उम्मीदें भी उतनी ही ज्यादा हैं।
फिल्म से जुड़े मुख्य तथ्य:
- रिलीज़ डेट: दिवाली 2026
- कास्ट: रणबीर कपूर, अरुण गोविल
- निर्देशक: नितेश तिवारी
- फर्स्ट लुक: रिलीज़ के बाद सोशल मीडिया पर ट्रेंड में
नितेश तिवारी की ‘रामायण’ जहां एक नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का प्रयास है, वहीं पुराने कलाकारों के लिए यह भावनात्मक विषय है। दीपिका चिखलिया की भावनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि कैसे कलाकार अपने किरदारों से जुड़ जाते हैं और दर्शकों की भावनाएं भी उन्हीं छवियों से बंध जाती हैं। ऐसे में नई फिल्म के मेकर्स के लिए एक संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।