मोहर्रम के जुलूस में उस समय तनाव फैल गया जब कुछ लोग तयशुदा रूट को छोड़कर दूसरी दिशा में बढ़ने लगे। पुलिस द्वारा रोकने पर विवाद इतना बढ़ गया कि बैरिकेडिंग तोड़ दी गई और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, वहीं 16 लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
तय रूट की अनदेखी से बिगड़ा मामला
पुलिस प्रशासन ने मोहर्रम के जुलूस के लिए पूर्व में एक तय रूट घोषित किया था, जिस पर समाज के प्रतिनिधियों ने सहमति भी दी थी। लेकिन रविवार को जुलूस में शामिल इरफान उर्फ लल्ला और उसके साथियों ने तय मार्ग की बजाय अब्दालपुरा की ओर रुख किया।
- जुलूस खजूर वाली मस्जिद से निकास चौराहा की ओर जाना था
- लेकिन भीड़ अब्दालपुरा की ओर बढ़ने लगी
- पुलिस ने रोका तो धक्का-मुक्की शुरू हो गई
- बैरिकेडिंग तोड़ी गई, स्थिति तनावपूर्ण हो गई
पुलिस ने किया लाठीचार्ज, 2 पुलिसकर्मी घायल
जैसे ही भीड़ ने बैरिकेडिंग गिराकर आगे बढ़ने की कोशिश की, पुलिस ने तत्काल सख्त कदम उठाए। लाठीचार्ज कर भीड़ को नियंत्रित किया गया। इसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
FIR में लगाए गए आरोप:
- तय रूट का उल्लंघन
- लोकसेवक के आदेश की अवहेलना
- सरकारी कार्य में बाधा
- सार्वजनिक सुरक्षा में खतरा
धाराएं: 191, 192, 132 और 128 बीएनएस (BNS)
सुरक्षा व्यवस्था में 650 पुलिसकर्मी तैनात
जुलूस के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पुलिस बल के साथ ड्रोन कैमरों की भी मदद ली गई थी ताकि किसी भी अप्रिय घटना पर नजर रखी जा सके।
जुलूस का तय रूट:
- बड़े साहब का इमामबाड़ा (गीता कॉलोनी)
- निकास चौराहा
- नई सड़क
- एटलस चौराहा
- फव्वारा चौक
- दौलतगंज
- तोपखाना
- लोहे का पुल
- गुदरी चौराहा
- पटनी बाजार
- गोपाल मंदिर
- कमरी मार्ग होकर पुनः इमामबाड़ा
प्रशासन की अपील: शांतिपूर्वक मनाएं त्यौहार
एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा कि त्योहारों के समय समाज के सभी वर्गों से सहयोग अपेक्षित है। तय रूट और नियमों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या कानून तोड़ने की कोशिश पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उज्जैन में मोहर्रम का जुलूस शांति और अनुशासन के साथ निकालने की कोशिश को कुछ असामाजिक तत्वों ने बिगाड़ने की कोशिश की। प्रशासन ने स्थिति को समय पर नियंत्रण में लिया और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
लोगों से अपील है कि त्योहारों को आपसी सौहार्द और नियमों के तहत ही मनाएं।