BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल, अभिनेता सैफ अली खान को उनकी पैतृक संपत्ति से जुड़े एक पुराने कानूनी मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जबलपुर हाई कोर्ट ने इस बहुचर्चित मामले में 25 साल पहले भोपाल ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस संपत्ति विवाद की पुनः सुनवाई की जाए और एक वर्ष के भीतर नए सिरे से फैसला सुनाया जाए।
क्या है मामला?
यह मामला भोपाल के पूर्व नवाब हमीदुल्ला खान की पुश्तैनी संपत्ति से जुड़ा है। सैफ अली खान की परदादी साजिदा सुल्तान को पहले भोपाल ट्रायल कोर्ट ने नवाबी संपत्ति का सम्पूर्ण उत्तराधिकार दे दिया था। लेकिन नवाब के अन्य वारिसों ने इस निर्णय को मुस्लिम पर्सनल लॉ के अंतर्गत चुनौती दी थी और संपत्ति के न्यायोचित बंटवारे की मांग की थी।
हाई कोर्ट ने क्या कहा?
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ट्रायल कोर्ट का पुराना निर्णय एकतरफा था और अन्य वारिसों की दावेदारी पर उचित विचार नहीं किया गया। अब इस मामले की दोबारा सुनवाई होगी और इस बार सभी पक्षों को सुना जाएगा।
हाई कोर्ट के वकील हर्षित बारी के अनुसार, अब यह नई सुनवाई तय करेगी कि अरबों रुपये की इस नवाबी संपत्ति का वास्तविक हकदार कौन है और किसे कितना हिस्सा मिलना चाहिए।
संपत्ति विवाद में क्या है सैफ अली खान का पक्ष?
इस मामले में सैफ अली खान प्रत्यक्ष रूप से पक्षकार नहीं हैं, लेकिन वह नवाब हमीदुल्ला खान की वारिस साजिदा सुल्तान के पोते हैं और इसी आधार पर संपत्ति में उनका अधिकार जुड़ता है। पहले के फैसले में साजिदा सुल्तान को पूरी संपत्ति देने के चलते सैफ और उनके परिवार को इसका स्वाभाविक लाभ मिला था। लेकिन हाई कोर्ट के नए आदेश से अब यह लाभ अस्थायी हो गया है।
क्यों अहम है यह फैसला?
भोपाल की नवाबी संपत्ति न केवल इतिहासिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें बंगले, खेती योग्य ज़मीनें, हवेलियाँ और अन्य अचल संपत्तियाँ शामिल हैं, जिनकी मूल्य अरबों रुपये में बताई जाती है। इस फैसले से इन संपत्तियों के भविष्य और उनके कानूनी उत्तराधिकार पर गहरा असर पड़ेगा।