BY; Yoganand Shrivastva
जबलपुर, सेना से सेवानिवृत्त देवप्रकाश दुबे के साथ एक जालसाज ने धोखाधड़ी कर दी। आरोपी रिखी राम और उसके बेटों ने एक सरकारी जमीन को अपनी बताकर उन्हें पहले किराए पर दी और फिर कई किश्तों में कुल 25 लाख रुपये लेकर बेच डाली। जब दुबे ने पैसे वापस मांगे, तो रिखी राम ने उन पर ही मारपीट और जातिसूचक गालियों का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया।
2014 में हुई थी शुरुआत, 2025 में जाकर खुला राज
- 2014 में रिटायर्ड फौजी देवप्रकाश दुबे की मुलाकात उमेश पटेल के माध्यम से मझगवां निवासी रिखी राम से हुई थी।
- रिखी राम ने अपनी पारिवारिक समस्या बताते हुए 2 एकड़ जमीन 7 लाख रुपये में किराए पर दी।
- 2016 में रिखी राम ने वही जमीन 13 लाख में बेचने की बात की, जिसमें से 6.5 लाख रुपये लेकर दस्तावेज दुबे को सौंप दिए गए।
लेकिन यहीं से धोखाधड़ी की परतें खुलने लगीं।
पहले भी बेच चुका था वही जमीन
जब दुबे फेंसिंग करवा रहे थे, तो रमेश सोनी नामक व्यक्ति सामने आया और उस जमीन पर अपना हक जताया। उसने बताया कि 2009 में रिखी राम और उसकी मां ने वही जमीन साढ़े तीन लाख में उसे बेची थी।
दुबे ने आगे का विवाद न बढ़ाते हुए रमेश को साढ़े तीन लाख रुपये दे दिए और जमीन के दस्तावेज भी ले लिए।
15 साल में 25 लाख की ठगी
2016 से लेकर 2024 तक रिखी राम ने बीमारी, पारिवारिक मजबूरी और रजिस्ट्री प्रक्रिया के बहाने बनाकर कुल 9 लाख रुपये और हड़प लिए।
इस तरह दुबे ने कुल 25 लाख रुपये खर्च कर दिए, बिना यह जाने कि जमीन असल में सरकारी है।
सरकारी जमीन होने का खुलासा
2025 में रिंग रोड प्रोजेक्ट के दौरान जब सरकारी अधिकारियों ने जमीन की माप की, तो पता चला कि यह शासकीय भूमि है, जो रिखी राम के पूर्वजों को खेती के लिए दी गई थी, लेकिन उनकी कोई मालिकाना हक की वैधता नहीं है।
यह खुलासा होते ही दुबे के पैरों तले जमीन खिसक गई।
उल्टा केस दर्ज कर उलझाने की कोशिश
जब देवप्रकाश दुबे ने रिखी राम से अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने हरिजन थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवा दी कि दुबे ने उसके साथ मारपीट की और जातिसूचक शब्द कहे।
हालाँकि, दुबे ने जमीन और लेन-देन से जुड़े चेक और दस्तावेज दिखाकर अपना पक्ष साफ़ कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने रिखी राम की शिकायत को खारिज कर दिया।
जमीन आज भी बेचने की फिराक में
शिकायतकर्ता का आरोप है कि रिखी राम अभी भी उसी सरकारी जमीन को शहर से बाहर रहने वाले लोगों को निजी बताकर बेचने की फिराक में है।
देवप्रकाश दुबे ने अब इस पूरे मामले में एसपी और रांझी थाना पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि अन्य लोग ऐसे धोखाधड़ी का शिकार न हों।