भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के शेयर बाजार को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। RBI के मुताबिक, खासतौर पर स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों की कीमतें उनकी असली आर्थिक स्थिति से कहीं ज्यादा बढ़ गई हैं। अगर कॉरपोरेट कमाई में मजबूत इजाफा नहीं हुआ, तो निवेशकों को बड़ा झटका लग सकता है।
शेयर बाजार में क्यों बढ़ रही चिंता?
RBI ने हाल ही में जारी अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report – FSR) में बताया कि भारतीय शेयर बाजार, खासकर स्मॉलकैप और मिडकैप शेयर, तेजी से ओवरवैल्यू हो रहे हैं। यानी इनकी कीमतें उनकी वास्तविक आर्थिक स्थिति या कंपनियों की कमाई के मुताबिक नहीं हैं।
मुख्य बातें जो आपको जाननी चाहिए:
✔ छोटी और मिडकैप कंपनियों में सबसे ज्यादा जोखिम
✔ वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है
✔ कमाई में उतना इजाफा नहीं, जितनी उम्मीद की जा रही है
✔ अगर बाजार में सुधार या गिरावट आई, तो सबसे ज्यादा चोट इसी सेगमेंट को लगेगी
कितनी तेजी दिखा रहे हैं इंडेक्स?
FSR रिपोर्ट में बताया गया कि:
- निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स के लिए मौजूदा वैल्यूएशन को सही ठहराने के लिए कम से कम 28% की कमाई वृद्धि जरूरी है, जबकि फिलहाल इसकी अनुमानित ग्रोथ सिर्फ 17.4% है।
- इसी तरह, निफ्टी स्मॉलकैप 100 को सही वैल्यू पर लाने के लिए 30.6% की ग्रोथ चाहिए, जबकि इसकी मौजूदा अनुमानित ग्रोथ सिर्फ 16.9% है।
एक्सपर्ट्स की राय क्या है?
नीलेश शेट्टी, पोर्टफोलियो मैनेजर, क्वांटम एडवाइजर्स:
“साल की शुरुआत में वैल्यूएशन में गिरावट आई थी, लेकिन उसके बाद तेजी से रिकवरी हुई है। छोटे और मिडकैप शेयरों में साफ तौर पर ‘फ्रॉथ’ यानी बढ़त का बुलबुला नजर आ रहा है।”
सिद्धार्थ भामरे, हेड ऑफ इंस्टीट्यूशनल रिसर्च, असित सी मेहता:
“मिडकैप शेयरों में ग्रोथ की संभावना जरूर है, लेकिन ये ग्रोथ 1-2 साल के लिए है या लंबे समय के लिए, यह अभी स्पष्ट नहीं है। साथ ही, क्वालिटी स्टॉक्स की कमी के चलते वैल्यूएशन काफी खिंच रहे हैं।”
सिर्फ भारत नहीं, दुनियाभर में है जोखिम
RBI की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका समेत कई देशों के बाजारों में भी यही स्थिति है। उदाहरण के तौर पर:
- अमेरिकी नैस्डैक इंडेक्स की मौजूदा वैल्यूएशन को उचित ठहराने के लिए 26% की कमाई वृद्धि जरूरी है, जबकि अनुमानित ग्रोथ सिर्फ 19.9% है।
- अगर अमेरिकी बाजार में सुधार या गिरावट आई, तो इसका असर भारत जैसे उभरते बाजारों पर भी पड़ेगा।
निवेशकों के लिए क्या है सलाह?
✅ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में निवेश करते वक्त सावधानी बरतें।
✅ वैल्यूएशन को देखकर निवेश करें, सिर्फ तेजी के लालच में न आएं।
✅ ग्लोबल इकोनॉमिक ट्रेंड्स पर नजर रखें।
✅ लॉन्ग टर्म नजरिए से मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में तेजी आकर्षक जरूर लगती है, लेकिन RBI की चेतावनी को नजरअंदाज करना नुकसानदायक हो सकता है। निवेश से पहले सही रिसर्च करें और भावनाओं में बहकर निवेश करने से बचें।