जिला कोरबा (दीपका परियोजना, ग्राम मलगांव) – SECL की दीपका विस्तार परियोजना में जमीन अधिग्रहण के दौरान किए गए मुआवजे में भारी अनियमितता उजागर हुई है। SDM रोहित सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट में 152 काल्पनिक मकानों की पहचान की, जिनके नाम मुआवजे की सूची में शामिल थे, लेकिन मौके पर उनके वास्तविक अवशेष या मकान नहीं पाए गए ।
जांच के प्रमुख निष्कर्ष:
- 152 काल्पनिक मकान: मुआवजे के लिए सूचीबद्ध मकानों का स्थल पर कोई अस्तित्व नहीं मिला।
- बड़ी गड़बड़ियाँ: सूची में कई नाम शामिल थे जो इस जमीन पर कभी मौजूद नहीं थे, जिससे स्पष्ट हुआ कि यह योजना पूर्व निर्धारित थी।
- SDM ने सीधी कार्यवाही करते हुए SECL GM को मुआवजा बंद करने, भुगतान वसूली, और प्रकरण निरस्त करने के निर्देश दिए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
SDM के पत्र में SECL GM को तत्काल आवश्यक कदम उठाने हेतु कहा गया, ताकि:
- उक्त मकानों का मुआवजा रद्द किया जाए।
- यदि किसी को भुगतान हो चुका हो, तो 15 दिनों में राशि वापस ली जाए।
यह कार्रवाई ग्राम मलगांव में जमीन अधिग्रहण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक कड़ा कदम है।
व्यापक मुआवजा घोटाला:
- इस केस को लेकर राज्य विजिलेंस ने लगभग ₹17 करोड़ के फर्जीवाड़े की पुष्टि की है।
- 26 बाहरी व्यक्तियों को फर्जी मकानों के नाम से मुआवजा दिया गया, जिनमें कई नाम भूमि से संबद्ध नहीं थे।
- घोटाले की गहराई देखते हुए मामला CBI के पास भेजा जा रहा है।
अब आगे क्या होगा?
- SECL द्वारा मुआवजा रद्दीकरण और फर्जी भुगतान वसूली।
- प्रशासनिक निरस्तीकरण से संदिग्ध प्रकरण बंद किए जाएंगे।
- CBI जांच प्रारंभ: विजिलेंस की रिपोर्ट पर इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी को भेजा जाएगा।