रिपोर्टर – जावेद खान
अंतागढ़ के कुरुद-ब्लॉक में हाल में हुई बारिश ने रेलवे अंडरब्रिज के नीचे कीचड़-जमाव और जलभराव जैसी गंभीर समस्या खड़ी कर दी है, जिससे रोजाना रावघाट और चारगांव माइंस से आवागमन करने वाले लोग—चाहे वह पैदल हो, साइकिल हों या छोटी गाड़ियाँ—गंभीर असुविधा झेल रहे हैं। नदी-नाले के प्रवाह के अभाव और खराब निर्माण की वजह से पुल के नीचे की सड़क टूट चुकी है और कीचड़ में नहीं दिखाई दे रही है।
गांव के लोग शिकायत कर चुके हैं कि इस मार्ग पर रोजाना सैकड़ों भारी ट्रक आते-जाते हैं, जिनमें से कई ट्रक अंडरब्रिज पर स्थिर खड़े रहते हैं। ग्रामीणों ने माइंस की इन भारी वाहनों को रोककर प्रदर्शन (चक्काजाम) किया, लेकिन रेलवे प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने पिछले दो सालों में कोई ठोस समाधान नहीं निकाला है। यह समस्या गुना (मध्य प्रदेश) के अंडरब्रिज जलभराव मामलों के समान है, जहाँ लोग अक्सर ट्रेन रोककर अपनी नाराज़गी जाहिर करते रहे हैं ।
इसमें चिंता की बात यह है कि अगर किसी वक्त किसी ट्रक से भारी लदा वाहन अंडरब्रिज से गुजरता है, तो कीचड़ और गड्ढों की वजह से हादसा हो सकता है। ग्रामीण केवल भारी वाहनों का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि अपने रोज़मर्रा के ट्रांसपोर्ट—पैदल, साइकिल वालों की सुरक्षा की मांग भी उठा रहे हैं।
समाधान की क्या राह?
- जल निकासी व्यवस्था:
- उचित ड्रेनेज प्रणाली लगाकर कीचड़ हटाया जाए, जैसे मंगोलुरु और गुना में किया गया ।
- निर्माण सुधार:
- टूटे हुए सड़क हिस्सों का तुरंत मरम्मत और मजबूत पुल निर्माण।
- वाहन प्रबंधन:
- भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग सुनिश्चित करें, अंडरब्रिज तक ट्रकों का आवागमन रोका जाए।
- अखंड नज़रदारी और निगरानी:
- गांववालों, स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों को मिलकर नियमित निरीक्षण करना चाहिए और शिकायतों का जवाबदेही से निपटना चाहिए।