BY: Yoganand Shrivastva
तमिलनाडु के रानीपेट जिले स्थित चित्तेरी रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार रात एक पैसेंजर ट्रेन हादसे का खतरा टल गया। गाड़ी संख्या 66057 अरकोनम-काटपाडी मेमू पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट ने चलती ट्रेन में अचानक तेज आवाज सुनकर ट्रेन को तुरंत रोक दिया। इस सतर्कता से किसी बड़ी दुर्घटना से बचाव हो गया।
हालांकि शुरुआत में खबरें आई थीं कि ट्रेन पटरी से उतर गई है, लेकिन दक्षिण रेलवे ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि ट्रेन का कोई भी डिब्बा पटरी से नहीं उतरा। घटना के समय ट्रेन यार्ड रोड-1 की लूप लाइन से गुजर रही थी, जहां पर पहले से मरम्मत कार्य जारी था।
क्या हुआ हादसे के वक्त?
चश्मदीद यात्रियों ने बताया कि चित्तेरी स्टेशन से रवाना होने के कुछ ही मिनटों में तेज धमाके जैसी आवाज सुनाई दी। इस पर पायलट ने सतर्कता दिखाते हुए ट्रेन को रोक दिया। मौके पर हलचल मच गई और यात्री घबरा गए, लेकिन कोई भी घायल नहीं हुआ।
घटनास्थल के वीडियो में रेलवे ट्रैक का क्षतिग्रस्त हिस्सा साफ नजर आ रहा था।
रेलवे का आधिकारिक बयान
दक्षिण रेलवे के अनुसार, जिस ट्रैक पर ट्रेन गुजर रही थी, उसकी मरम्मत का कार्य चल रहा था। वहां अधिकतम गति सीमा 20 किमी प्रति घंटा तय की गई थी। ट्रैक पर पहले से वेल्डिंग फ्रैक्चर था, जिसकी पहचान की जा चुकी थी और उसे जॉगल फिश प्लेट्स के माध्यम से अस्थायी रूप से दुरुस्त किया गया था।
लोको पायलट को ट्रैक की स्थिति की पूर्व जानकारी थी, इसलिए जब ट्रेन से तेज आवाज आई तो उन्होंने तुंरत प्रतिक्रिया दी। घटना रात 9:15 बजे के आसपास हुई।
कोई हताहत नहीं, जांच के आदेश
रेलवे अधिकारियों और स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में जांच की गई, जिसमें स्पष्ट हुआ कि कोई हताहत या घायल नहीं हुआ। रेलवे अब ट्रैक के स्थायी समाधान की दिशा में काम करेगा ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न उत्पन्न हो।
इस पूरी घटना में लोको पायलट की सतर्कता और रेलवे की पहले से की गई मरम्मत व्यवस्था ने एक बड़े हादसे को टाल दिया। रेलवे प्रशासन अब यह सुनिश्चित कर रहा है कि पटरियों की स्थिति का स्थायी समाधान निकाला जाए।