BY: Yoganand Shrivastva
प्रयागराज : माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत के बाद भी प्रयागराज में उनकी विरासत के नाम पर अवैध गतिविधियां बदस्तूर जारी हैं। अब इन कामों को अंजाम दे रहे हैं खुद उनके करीबी रिश्तेदार। योगी सरकार ने इन अवैध कार्यों पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
कुर्क जमीन पर कब्जा कर बनाए मकान
जानकारी के मुताबिक, अतीक अहमद के साढ़ू इमरान और उसका भाई ज़ीशान न केवल सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर रहे थे, बल्कि उन पर मकान बनाकर उन्हें बेच भी रहे थे। 2021 में कुर्क की गई भूमि पर अवैध कब्जा और प्लॉटिंग का मामला सामने आया, जिसकी जांच होते ही पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। करेली थाना प्रभारी राजेश मौर्य ने खुद वादी बनकर दोनों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया।
अतीक के साथ करते थे जमीन कारोबार
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ये दोनों रिश्तेदार पहले अतीक अहमद के साथ मिलकर ही जमीन का अवैध धंधा करते थे। दोनों खुलदाबाद थाने के हिस्ट्रीशीटर भी हैं। समय के साथ अतीक और इन भाइयों के बीच जमीन को लेकर मनमुटाव हुआ और उन्होंने खुद अतीक और उसके बेटों के खिलाफ कई मामले दर्ज करवा दिए।
गवाह बने, फिर माफिया के रास्ते पर लौटे
जब ज़ीशान उर्फ जानू ने सरकारी गवाह बनकर सहयोग किया था, तब सरकार ने उसे सुरक्षा के लिए गनर भी मुहैया कराया था। लेकिन बाद में वह और उसका भाई फिर से माफियागिरी की राह पर लौट आए और अतीक की तरह अवैध जमीन कब्जा करना और प्लॉटिंग शुरू कर दी।
सीलिंग की जमीन पर भी कब्जा
इन भाइयों ने करेली बक्शी मोड़ पर सरकार द्वारा सील की गई जमीन पर भी कब्जा कर लिया और वहां भी प्लॉटिंग कर दी। जब राजस्व विभाग को इसकी भनक लगी तो लेखपाल की शिकायत पर एक और केस दर्ज हुआ।
प्रशासन ने उठाया सख्त कदम
एडिशनल कमिश्नर अजय पाल शर्मा ने बताया कि ज़ीशान से सरकारी गनर वापस ले लिया गया है और जमीन कब्जे के मामलों में अब कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने भी 10 दिन पहले दोनों के खिलाफ तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थीं।
एयरपोर्ट इलाके में भी किया कब्जा
इन लोगों ने प्रयागराज के एयरपोर्ट क्षेत्र में भी कई बीघा जमीन पर अवैध प्लॉटिंग कर कई लोगों को प्लॉट बेच दिए। ये गतिविधियां इस बात की पुष्टि करती हैं कि इमरान और ज़ीशान अतीक अहमद के नक्शे-कदम पर चल रहे हैं।
योगी सरकार की पैनी नजर, शुरू हुई कार्रवाई
हालांकि, सरकार ने समय रहते स्थिति को भांप लिया है और अब तेजी से एक्शन लिया जा रहा है। जमीन माफियाओं के खिलाफ चल रही इस मुहिम से संकेत मिलता है कि अब अवैध कब्जा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो माफिया के रिश्तेदार ही क्यों न हों।