BY: Yoganand shrivastva
नई दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कई राज्यों में पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया को गति देना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित करीब 13 से 14 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने हैं। इसके बाद पार्टी नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की ओर बढ़ेगी।
राज्यवार जिम्मेदारियाँ तय, शीर्ष नेताओं को सौंपी गई अहम भूमिकाएं
पार्टी के भीतर संगठनात्मक नियुक्तियों को लेकर चल रही कवायद के तहत केंद्रीय नेताओं को राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- महाराष्ट्र का दायित्व केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को सौंपा गया है।
- पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को मिली है।
- उत्तराखंड में संगठनात्मक समन्वय की जिम्मेदारी हर्ष मल्होत्रा को दी गई है।
- मध्य प्रदेश का प्रभार धर्मेंद्र प्रधान को सौंपा गया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की उलटी गिनती शुरू
भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका था, लेकिन तब से वे कार्यवाहक रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। चूंकि अब वे केंद्र सरकार में मंत्री हैं, इसलिए संगठनात्मक संतुलन के लिहाज से भाजपा के लिए एक नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति जरूरी हो गई है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी 21 जुलाई से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है, क्योंकि इसी तारीख से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष के बिना नहीं हो सकता शीर्ष पद का चयन
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले सभी राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करना आवश्यक है। इसी शर्त के चलते राष्ट्रीय नेतृत्व के चुनाव में लगातार देरी हो रही थी। अब जबकि प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की दिशा में कार्य शुरू हो गया है, तो जल्द ही शीर्ष पद पर भी फैसला लिया जा सकता है। हालांकि अभी तक किसी तारीख की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।
कई राज्यों में नियुक्तियां अधूरी
- उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और रणनीतिक राज्य में प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है, लेकिन अब तक नए नाम की घोषणा नहीं की गई है।
- मध्य प्रदेश में पिछले छह महीनों से प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति लंबित है।
- राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन दोनों राज्यों में जल्द नियुक्ति के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए रास्ता साफ होगा।