BY: Yoganand Shrivastava
इटावा (उत्तर प्रदेश) – इटावा जिले में चल रहे कथावाचक विवाद ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। जहां एक ओर कथावाचक मुकुटमणि की पिटाई मामले में चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वहीं अब कथावाचक पर छेड़छाड़ और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप भी सामने आए हैं।
इस प्रकरण में पुलिस कार्रवाई लगातार जारी है और अब तक पुलिस पर हमले की साजिश में 19 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
कथावाचक को बुलाने वाली महिलाओं ने ही लगाए आरोप
जिस परिवार ने मुकुटमणि को कथा के लिए आमंत्रित किया था, उसी परिवार की महिलाओं ने अब कथावाचक पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि कथावाचकों को ना तो भागवत कथा का शास्त्र सम्मत तरीका आता था, और ना ही वे पूजा विधियों से परिचित थे। इसके बजाय कथावाचक महिलाओं से अश्लील हरकतें और छेड़खानी की कोशिश कर रहे थे।
22 जून की रात की घटना से शुरू हुआ विवाद
बताया जा रहा है कि 22 जून की रात कथावाचक की गांव में पिटाई हुई थी। पहले यह एकतरफा हिंसा का मामला प्रतीत हुआ, लेकिन अब सामने आ रहे दूसरे पक्ष के आरोपों ने मामले को पूरी तरह पलट दिया है।
FIR और पुलिस ऐक्शन
- कथावाचक की पिटाई मामले में 4 आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
- 26 जून को पुलिस पर हमले और भीड़ द्वारा बवाल करने की कोशिश में 19 अन्य को हिरासत में लिया गया है।
- अब कथावाचकों के खिलाफ महिलाओं की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है।
अहीर रेजीमेंट संगठन का प्रदर्शन
इस मामले ने सामाजिक तनाव का रूप भी ले लिया है। कथावाचक पक्ष से जुड़े अहीर रेजीमेंट संगठन के सैकड़ों लोग गांव की ओर मार्च करने निकले। पुलिस ने जब उन्हें रोका तो प्रदर्शनकारी बैरीकेड्स तोड़ते हुए आगे बढ़ गए।
आगरा-कानपुर हाईवे रहा जाम
एसपी ग्रामीण श्रीश चंद ने बताया कि हालात को काबू में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। लेकिन इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आगरा-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया और पुलिस बल पर पथराव शुरू कर दिया। एक पुलिस वाहन को भी भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर रही है।
राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज
इस संवेदनशील मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कानून व्यवस्था फेल हो चुकी है। उन्होंने कथावाचक टीम पर पहले से आरोप लगाने वालों की बातों को समर्थन देने के संकेत भी दिए।
इटावा में कथावाचक से शुरू हुआ धार्मिक आयोजन अब कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक मोर्चों पर गंभीर विवाद में बदल चुका है। जहां एक ओर महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा का सवाल है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक भावनाओं और सामाजिक तनाव को संभालना भी बड़ी चुनौती बन चुका है।