BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर (मध्य प्रदेश) – ग्वालियर जिले के बिजौली थाना क्षेत्र में 12 साल पहले हुई एक हत्या के मामले में अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने फैसला सुनाया है। अदालत ने मामले में शामिल 12 आरोपियों को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाते हुए उन पर जुर्माना भी लगाया है। वहीं, झगड़े के दूसरे पक्ष के छह लोगों को एक-एक वर्ष की सजा और आर्थिक दंड से दंडित किया गया है।
क्या था पूरा मामला?
यह घटना 14 फरवरी 2014 को उस समय हुई थी जब शिकायतकर्ता नाथू सिंह के भतीजे रामदास पर गांव के रास्ते में हमला किया गया। वह ड्यूटी के लिए मालनपुर जा रहा था, तभी पुराने विवाद के चलते कुछ ग्रामीणों ने उस पर लाठी-फरसे से हमला कर दिया। शोर सुनकर मौके पर पहुंचे नाथू सिंह और फकीर सिंह समेत अन्य लोगों को भी बुरी तरह पीटा गया। इस हमले में फकीर सिंह गंभीर रूप से घायल हुए और नौ दिन बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
दूसरी ओर, हमले के जवाब में केदार सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि रामदास ने उसे जान से मारने की धमकी दी और फरसे से वार किया। इस घटना में उनके परिवार के कई सदस्य घायल हुए थे।
अदालत का निर्णय
विशेष न्यायाधीश ऋतुराज सिंह चौहान की अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद 12 आरोपियों को धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। एक आरोपी बाबूराम की 2021 में ट्रायल के दौरान मृत्यु हो गई थी। इसके अलावा दूसरे पक्ष से जुड़े छह लोगों को मारपीट के मामले में दोषी पाया गया।
✅ उम्रकैद की सजा पाने वाले आरोपी:
- केदार जाटव (38)
- मानसिंह (45)
- धर्मेंद्र (34)
- राजवीर (36) – उपरोक्त चारों बाबूराम के पुत्र
- अंगद (66)
- दाताराम (68)
- मुकेश (42) – तीनों सुमेर के बेटे
- रामू (32)
- संतोष उर्फ गुड्डू (29) – अंगद का पुत्र
- रूप सिंह (50)
- भूरा (30)
- संजू (30)
✅ एक साल की सजा पाने वाले आरोपी (दूसरा पक्ष):
- नाथू सिंह
- रामदास
- संजीव
- लाखन
- दामोदर
- रामवीर
इन सभी को एक वर्ष का साधारण कारावास और ₹2000 का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है।
12 साल पुराने इस मामले में अब जाकर पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है। यह फैसला दर्शाता है कि न्याय की प्रक्रिया भले ही समय लेती है, लेकिन दोषियों को सजा अवश्य मिलती है। इस केस में पारिवारिक रंजिश ने पूरे गांव को हिंसा की आग में झोंक दिया था, जिसका अंजाम अब अदालत के कठोर निर्णय में सामने आया है।