BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली,: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें देश के विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। साथ ही, आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इमरजेंसी के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी गई और इस ‘काले अध्याय’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया।
बैठक की शुरुआत आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इस दौरान कैबिनेट सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें नमन किया।
तीन बड़े फैसले जो देश की दिशा और दशा बदलेंगे:
- पुणे मेट्रो विस्तार को मंजूरी:
केंद्र सरकार ने पुणे मेट्रो के विस्तार के लिए 3,626 करोड़ रुपये के निवेश को हरी झंडी दे दी है। यह परियोजना शहर में आवागमन को सुगम और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगी। - झरिया कोलफील्ड पुनर्वास योजना को मंजूरी:
झारखंड के झरिया क्षेत्र में वर्षों से जलती भूमिगत कोयला आग की समस्या के समाधान के लिए 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित मास्टर प्लान को स्वीकृति दी गई है। इस योजना के तहत पुनर्वास, सुरक्षा और पर्यावरणीय सुधार के कदम उठाए जाएंगे। - आगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर का रीजनल हब:
आलू उत्पादन में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आगरा में 111.5 करोड़ रुपये की लागत से इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर का क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किया जाएगा।
आपातकाल के 50 साल: संविधान की रक्षा में याद किए गए बलिदान
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता में बताया कि कैबिनेट ने 25 जून 1975 को लगे आपातकाल को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में याद किया। उन्होंने कहा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आपातकाल के दौरान संवैधानिक अधिकारों की कुर्बानी देने वालों को श्रद्धांजलि दी। यह वर्ष उस काले दौर के 50 साल पूरे होने का प्रतीक है, जब देश के लोकतांत्रिक ढांचे को कुचला गया था।”
उन्होंने यह भी कहा कि,
“1974 में नव निर्माण आंदोलन और संपूर्ण क्रांति को कुचलने के प्रयासों से जो तानाशाही की शुरुआत हुई, उसका चरम 1975 की इमरजेंसी थी। उन हजारों लोगों को कैबिनेट ने श्रद्धांजलि दी जिन्होंने उस तानाशाही के खिलाफ वीरतापूर्वक संघर्ष किया।”
अंतरिक्ष मिशन पर भी बधाई
कैबिनेट बैठक के दौरान स्पेस मिशन में योगदान देने वाले ग्रुप कैप्टन शुभ्रांशु शुक्ला को भी बधाई दी गई। यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में हो रहे तेजी से विकास का प्रमाण है।