BY: Yoganand Shrivastva
अहिल्यानगर (महाराष्ट्र): प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शनि शिंगणापुर मंदिर एक बार फिर विवादों में घिर गया है। मंदिर ट्रस्ट में कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों को लेकर हिंदू संगठनों ने कड़ा ऐतराज जताया है और ट्रस्ट से तत्काल उन्हें हटाने की मांग की है। मामला तूल पकड़ता जा रहा है और सकल हिंदू समाज ने आगामी 14 जून को मंदिर परिसर के बाहर विराट मोर्चा निकालने की चेतावनी दी है।
क्या है विवाद की जड़?
21 मई 2025 को मंदिर के गर्भगृह के पवित्र चबूतरे पर मुस्लिम मजदूरों द्वारा ग्रिल लगाने और सफाई एवं रंग-रोगन का काम किए जाने की बात सामने आई थी। यह जानकारी सामने आते ही हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक भावना के खिलाफ बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और बहस शुरू हो गई।
ट्रस्ट ने क्या दी सफाई?
मंदिर प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट में कुल 114 मुस्लिम कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन इनमें से किसी की ड्यूटी प्रत्यक्ष रूप से मंदिर परिसर में नहीं है।
ये कर्मचारी कृषि, कचरा प्रबंधन और शैक्षिक सेवाओं जैसे विभागों में कार्यरत हैं।
ट्रस्ट के अनुसार, 99 मुस्लिम कर्मचारी पिछले 5 महीने से अनुपस्थित हैं, जिसके कारण उनकी सैलरी रोक दी गई है।
बाकी बचे 15 कर्मचारी, जिनमें से कई दो दशक से सेवाएं दे रहे हैं, वे भी अब समीक्षा के दायरे में हैं।
हिंदू संगठनों की मांग
हिंदुत्ववादी संगठनों का कहना है कि मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों पर केवल उन लोगों को कार्य करने की अनुमति होनी चाहिए, जो धार्मिक आस्था और परंपरा को समझते हों। उनका दावा है कि मुस्लिम कर्मचारियों द्वारा चबूतरे की सफाई और संरचना से संबंधित कार्य करना मंदिर की मर्यादा का उल्लंघन है।
ट्रस्ट ने क्या कार्रवाई की?
बढ़ते विरोध और संभावित तनाव को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने फिलहाल सभी मुस्लिम कर्मचारियों को ड्यूटी से हटा दिया है और पूरे मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है।