BY: Yoganand Shrivastva
ओडिशा के धरमगढ़ में तैनात IAS अधिकारी धीमान चकमा को रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। विजिलेंस विभाग ने उन्हें 10 लाख रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उनके सरकारी आवास पर छापेमारी के दौरान अतिरिक्त 47 लाख रुपये नकद भी बरामद हुए हैं।
रविवार को हुई थी गिरफ्तारी
जानकारी के अनुसार, 2021 बैच के 36 वर्षीय अधिकारी को कालाहांडी जिले के एक व्यापारी से 10 लाख रुपये की मांग करते हुए विजिलेंस टीम ने पकड़ा। गिरफ्तारी के बाद उनके धरमगढ़ स्थित आवास की तलाशी में नोटों से भरे बंडल मिले, जिन्हें टेबल की दराज में छिपाकर रखा गया था।
व्यापारी की शिकायत पर हुई कार्रवाई
इस मामले की शुरुआत एक स्थानीय व्यवसायी की शिकायत से हुई थी, जिसमें कहा गया था कि धीमान चकमा ने रिश्वत न देने पर उसके व्यापार के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी थी। व्यापारी ने बताया कि चकमा ने उन्हें अपने सरकारी आवास पर बुलाकर घूस ली और उसे टेबल की दराज में रख दिया।
विजिलेंस के अनुसार, आरोपी अधिकारी ने 100-100 रुपये के 26 बंडलों की गिनती की और नकदी को मेज की दराज में छिपा दिया। इसके बाद तलाशी में कुल 47 लाख रुपये की अघोषित नकदी बरामद की गई।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
चकमा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। विजिलेंस विभाग ने यह भी बताया कि इस पूरे ऑपरेशन को पूर्व नियोजित ट्रैप कार्रवाई के तहत अंजाम दिया गया था।
पूर्व में दिया था समाज सेवा का संकल्प
दिलचस्प बात यह है कि धीमान चकमा ने UPSC 2021 में सफलता प्राप्त करने के बाद दिए एक इंटरव्यू में उत्तर-पूर्वी भारत के विकास और पारदर्शी प्रशासन की बात कही थी। उन्होंने ANI से कहा था कि वे समाज की बेहतरी के लिए काम करना चाहते हैं। लेकिन अब उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने उनकी नीयत और प्रतिबद्धता दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- IAS धीमान चकमा को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
- 10 लाख की रिश्वत के साथ घर से 47 लाख रुपये नकद बरामद।
- व्यापारी की शिकायत पर विजिलेंस ने कार्रवाई की।
- भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज।
- समाज सेवा के वादे पर खड़ा हुआ सवाल।