भ्रष्टाचार के खिलाफ कर्नाटक लोकायुक्त ने राज्य में बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया है। गुरुवार को सात सरकारी अधिकारियों से जुड़े 35 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई, जिसमें 22.78 करोड़ रुपए से अधिक की असामान्य संपत्ति जब्त की गई।
लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: जानिए पूरी जानकारी
छापेमारी में जिन अधिकारियों को निशाना बनाया गया है, वे बेंगलुरु अर्बन, बेंगलुरु रूरल, तुमकुरु, मंगलुरु, विजयपुरा और यदगिर जिलों के विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं। इन सभी पर अपनी आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप लगाते हुए मामले दर्ज किए गए हैं।
छापेमारी के मुख्य तथ्य:
- कुल स्थान जहां छापेमारी हुई: 35
- जब्त की गई कुल संपत्ति: ₹22.78 करोड़
- शामिल सरकारी अधिकारी: 7
प्रमुख अधिकारियों और जब्त की गई संपत्ति का विवरण
1. एच आर नटराज — लीगल मेट्रोलॉजी इंस्पेक्टर, सिटी मार्केट-1 सब-डिवीजन, बेंगलुरु
- असामान्य संपत्ति की कीमत: ₹3.94 करोड़
- छापेमारी के स्थान: 5
- जब्त संपत्ति:
- 2 आवासीय प्लॉट
- 2 मकान
- 9 एकड़ कृषि भूमि
- ₹1.50 लाख नकद
- ₹21 लाख के सोने के जेवरात
- ₹5 लाख के वाहन
- ₹54 लाख के घरेलू एवं अन्य सामान
2. मुरली टी वी — अतिरिक्त निदेशक, टाउन प्लानिंग, बंगलोर डेवलपमेंट अथॉरिटी (BDA)
- संपत्ति का मूल्य: ₹3.47 करोड़
- छापेमारी के स्थान: 6
- जब्त की गई संपत्ति:
- 3 प्लॉट
- 3 मकान
- ₹25.54 लाख के सोने के जेवरात
- ₹5 लाख के वाहन
कर्नाटक में भ्रष्टाचार के खिलाफ इस कदम का महत्व
यह छापेमारी कर्नाटक सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की दिशा में ठोस कदम साबित होती है। इस कार्रवाई से भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त संदेश जाता है कि अवैध संपत्ति रखने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
क्यों है यह कार्रवाई अहम?
- भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय
- आम जनता का सरकारी व्यवस्था पर भरोसा बढ़ाना
- भ्रष्ट अधिकारियों को हतोत्साहित करना
आगे क्या होगा?
लोकायुक्त पुलिस ने सभी सात अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आगे भी संपत्ति जब्ती और कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
लोकायुक्त छापेमारी से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: लोकायुक्त क्या है?
उत्तर: लोकायुक्त एक स्वतंत्र संस्था है जो सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार और दुराचार की जांच करती है।
प्रश्न 2: असामान्य संपत्ति क्या होती है?
उत्तर: वह संपत्ति जो किसी अधिकारी की घोषित आय से अधिक हो, जिससे भ्रष्टाचार का पता चलता है।
प्रश्न 3: लोकायुक्त कितनी बार छापेमारी करता है?
उत्तर: लोकायुक्त समय-समय पर सूचना और जांच के आधार पर छापेमारी करता रहता है।
कर्नाटक लोकायुक्त की यह बड़ी कार्रवाई राज्य में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए इस तरह के कदमों की जरूरत हमेशा बनी रहेगी।





