पुणे की बिजली कंपनी MSEDCL मानसून आने से पहले ही अपने रखरखाव के काम को पूरा करने में जुट गई है। बारिश के मौसम में अचानक बिजली कटौती या तारों के टूटने की समस्या से बचने के लिए कंपनी ने सबस्टेशनों, ट्रांसमिशन लाइनों और बिजली वितरण नेटवर्क की मरम्मत शुरू कर दी है।
कहाँ-कहाँ चल रहा है काम?
इस गुरुवार को सिन्हगड रोड, नांदेड सिटी, वडगाँव, बाजीराव रोड, शुक्रवार पेठ, पेशवे पार्क और कोथरूड के कई सोसायटीज में मरम्मत का काम चला। इन इलाकों के निवासियों को पहले से ही SMS और अखबारों के जरिए सूचित किया गया था, ताकि बिजली कटौती के वक्त कोई दिक्कत न हो।
इतनी जल्दी क्यों?
मानसून में अक्सर पेड़ों की टहनियाँ तारों से टकराती हैं, डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स पानी से खराब हो जाते हैं, और तेज हवाओं से बिजली के खंभे झुक जाते हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए MSEDCL ने कई कदम उठाए हैं, जैसे:
- बिजली के तारों के पास लटकती टहनियों की कटाई
- टूटे हुए इंसुलेटर्स और जंग लगे खंभों की जगह नए लगाना
- ढीले तारों को कसना और ट्रांसफॉर्मर की जाँच
- पुराने उपकरणों को बदलकर सिस्टम को मजबूत बनाना
नांदेड सिटी के रहने वाले उमेश गायकवाड ने बताया कि उन्हें MSEDCL का मैसेज मिला था, जिसमें सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक बिजली कटौती की जानकारी दी गई थी।
हाउसिंग सोसाइटीज से अपील
MSEDCL ने आवासीय सोसाइटीज से अनुरोध किया है कि वे बिजली लाइनों के पास मंडराते बड़े पेड़ों की टहनियों की कटाई के लिए PMC से अनुमति ले लें। समय रहते यह काम कर लेना बेहतर है, नहीं तो बारिश में बिजली व्यवस्था चरमरा सकती है।
तैयारी कब तक पूरी होगी?
MSEDCL का लक्ष्य मई के अंत तक सारा काम पूरा कर लेना है, ताकि बारिश के मौसम में पुणे को बिना किसी रुकावट के बिजली मिलती रहे। उम्मीद है, इस बार मानसून में लोगों को बिजली कटौती की दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी!