BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: मनोरंजन उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से, प्राइम फोकस ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार ने मिलकर मुंबई में एक विश्वस्तरीय एंटरटेनमेंट हब के निर्माण की योजना की घोषणा की है। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना में लगभग 3000 करोड़ रुपये (लगभग 400 मिलियन डॉलर) का निवेश किया जाएगा।
यह अत्याधुनिक मनोरंजन केंद्र मुंबई के दिल में बसेगा, जो भारत की समृद्ध फिल्म इंडस्ट्री की विरासत को और सशक्त बनाएगा। इस केंद्र का उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले रचनात्मक पेशेवरों और पर्यटकों को आकर्षित करना है। इसके साथ ही इस परियोजना से हजारों कुशल युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
क्या होगा इस मेगा प्रोजेक्ट में?
इस परियोजना के तहत बनने वाली सुविधाएं काफी भव्य होंगी:
- अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों से युक्त प्रोडक्शन स्टूडियो
- लाइव शो और थीम पार्क जैसे आकर्षणों से युक्त इंटरनेशनल एंटरटेनमेंट डेस्टिनेशन
- शानदार होटल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, फूड हब और आवासीय स्थान
कौन हैं प्राइम फोकस ग्रुप?
1997 में नमित मल्होत्रा द्वारा स्थापित प्राइम फोकस ग्रुप आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वतंत्र मीडिया सर्विस कंपनियों में से एक है। यह कंपनी भारत के नेशनल और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है। इसके अंतर्गत आने वाली DNEG ने आठ बार ऑस्कर जीता है। साथ ही इसमें AI टेक्नोलॉजी पर काम करने वाली कंपनी BRAHMA और कंटेंट प्रोडक्शन फर्म Prime Focus Studios भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विज़न
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने इस प्रोजेक्ट को राज्य के विकास के लिए एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा,
“हम जिस तरह से इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं – जैसे बुलेट ट्रेन, कोस्टल रोड – उसी तरह यह नया एंटरटेनमेंट हब महाराष्ट्र को एक नई पहचान देगा। हम इसे एक वैश्विक फिल्म और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने जा रहे हैं।”
नमित मल्होत्रा का बयान
प्राइम फोकस के संस्थापक नमित मल्होत्रा ने कहा,
“इस परियोजना के माध्यम से हम भारत की फिल्म निर्माण परंपरा को ग्लोबल स्तर पर सम्मान देना चाहते हैं। DNEG की क्रिएटिव शक्ति, BRAHMA की AI टेक्नोलॉजी और Prime Focus Studios की प्रोडक्शन क्षमता को मिलाकर हम दुनिया का सबसे इनोवेटिव कंटेंट क्रिएशन सेंटर खड़ा करेंगे – वह भी मुंबई जैसे ऐतिहासिक फिल्म हब में।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह सिर्फ एक स्टूडियो नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति और रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करने वाला एक संपूर्ण अनुभव होगा।
“यह एक ऐसा केंद्र बनेगा जो भारत की रचनात्मक क्षमता, तकनीकी उत्कृष्टता और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेगा।”
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