लंदन स्थित बैंक एचएसबीसी ने हाल ही में अपने निवेश बैंकिंग विभाग में कर्मचारियों को बोनस की जानकारी मिलने के दिन ही नौकरी से निकाल दिया। सूत्रों के अनुसार, बैंक ने उपाध्यक्ष स्तर और उससे ऊपर के कई कर्मचारियों को कोई बोनस नहीं दिया, जबकि यह पारंपरिक रूप से कर्मचारी-हितैषी बैंक माना जाता था।
नए सीईओ की कठोर रणनीति
नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉर्जेस एलहेडरी के नेतृत्व में एचएसबीसी लागत कम करने पर जोर दे रहा है। बैंक ने 2025 तक वार्षिक लागत में 1.5 बिलियन डॉलर की कटौती का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में, जनवरी में एचएसबीसी ने एशिया और मध्य पूर्व को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) तथा इक्विटी कैपिटल मार्केट्स व्यवसाय बंद करने का फैसला किया था।

कर्मचारियों को झटका
आमतौर पर, अन्य बैंक पुनर्गठन के तहत निकाले गए कर्मचारियों को कम बोनस देते हैं, लेकिन एचएसबीसी ने इस बार कई को बिल्कुल भी भुगतान नहीं किया। एक सूत्र ने बताया कि कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें पिछले वर्ष के काम के लिए कुछ बोनस मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
एशिया और मध्य पूर्व पर ध्यान
एलहेडरी ने एशिया और मध्य पूर्व में भी निवेश बैंकिंग से बाहर निकलने पर विचार किया था, लेकिन अंततः इस क्षेत्र में व्यवसाय जारी रखने का निर्णय लिया। इसकी वजह यह है कि यह क्षेत्र बैंक के लिए प्रमुख ग्राहकों के साथ संबंध बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वित्तीय दबाव
ब्याज दरों में वृद्धि से मिलने वाले लाभ में कमी आने के बाद एचएसबीसी पर लागत कटौती का दबाव बढ़ गया है। बैंक की शुद्ध ब्याज आय पिछले साल घट गई थी, जिससे नए सीईओ को कठोर कदम उठाने पड़े।
इस बीच, एलहेडरी के लिए एक नए वेतन पैकेज की घोषणा की गई है, जो बैंक के शेयर प्रदर्शन के आधार पर £19.8 मिलियन तक जा सकता है। यह उनके पूर्ववर्ती नोएल क्विन की तुलना में काफी अधिक है।