नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक और दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की शर्तें
- अब्बास अंसारी को लखनऊ स्थित अपने आधिकारिक आवास पर ही रहना होगा।
- अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने से पहले जिला प्रशासन और ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।
- बिना अनुमति के उत्तर प्रदेश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी।
- वह अपने खिलाफ चल रहे मामलों को लेकर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दे सकते।
- जब भी आवश्यक हो, उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश होना होगा।
- कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद तय की है और राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
गिरफ्तारी का मामला
अब्बास अंसारी को 6 सितंबर, 2024 को गिरफ्तार किया गया था। 31 अगस्त, 2024 को चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी थाने में उनके खिलाफ यूपी गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धारा 2 और 3 के तहत मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर में नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के नाम भी शामिल थे। उन पर जबरन वसूली और मारपीट के आरोप लगे थे।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता में सुनवाई
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अब्बास अंसारी को गैंगस्टर एक्ट से जुड़े मामले को छोड़कर अन्य सभी मामलों में जमानत मिल चुकी थी। इसलिए उन्हें कुछ शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उनका खुद को कानूनी रूप से बचाने का अधिकार बरकरार रहेगा। हालांकि, कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा।
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