इस यात्रा से भारत और अमेरिका संबंधों को मिलेगा नया आयाम
वॉशिंगटन: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं और इस दौरे का पहला बड़ा हाइलाइट था उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से। यह मुलाकात इसलिए भी अहम है क्योंकि तुलसी गबार्ड, जिनकी भारतीय उत्पत्ति है, ने हाल ही में अमेरिका की खुफिया एजेंसी में शीर्ष पद की शपथ ली। इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बधाई दी और दोनों के बीच भारत-अमेरिका रिश्तों पर कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने ट्विटर पर इस मुलाकात की जानकारी दी, जिसमें उन्होंने तुलसी गबार्ड को अमेरिका की टॉप खुफिया अधिकारी बनने पर बधाई दी। मोदी ने लिखा, “वाशिंगटन में तुलसी गबार्ड से मुलाकात की और उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं। हमारे बीच भारत-अमेरिका दोस्ती के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर बातचीत हुई, और यह एक अच्छी शुरुआत है।”
आतंकवाद और साइबर सुरक्षा पर चर्चा
दोनों नेताओं के बीच सबसे अहम चर्चा आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और उभरते खतरों पर केंद्रित रही। पीएम मोदी और तुलसी गबार्ड ने मिलकर खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त प्रयासों के जरिए आतंकवाद और साइबर हमलों से निपटने पर जोर दिया। यह मुलाकात भारत और अमेरिका के बीच खुफिया सहयोग बढ़ाने के लिए एक नया रास्ता खोल सकती है।
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तुलसी गबार्ड का खुफिया समुदाय पर ध्यान
तुलसी गबार्ड ने अपने पद की शपथ लेने के बाद एक मजबूत बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी खुफिया समुदाय पर लोगों का विश्वास कमजोर हो गया है, और वह इसे सुधारने के लिए काम करेंगी। तुलसी का कहना है कि यह खुफिया समुदाय को राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किए जाने का परिणाम है, और अब उनका उद्देश्य इसे फिर से राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्रित करना है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने गबार्ड के साहस को सराहा था
जब तुलसी गबार्ड ने ओवल ऑफिस में अपने नए पद की शपथ ली, तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनके साहस और देशभक्ति की सराहना की। ट्रंप ने गबार्ड को अमेरिकी आर्मी नेशनल गार्ड में तैनाती का उल्लेख करते हुए कहा कि तुलसी एक असाधारण महिला हैं और उन्हें अमेरिका के खुफिया मामलों की जिम्मेदारी लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
भारत-अमेरिका संबंध नई दिशा की ओर
पीएम मोदी और तुलसी गबार्ड की यह मुलाकात भारत और अमेरिका के संबंधों में एक नया मोड़ ला सकती है। दोनों देशों के बीच अब न केवल व्यापार और रक्षा सहयोग बल्कि खुफिया जानकारी का साझा करना भी प्रमुख भूमिका निभाएगा। यह भारत के लिए एक बड़ी रणनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है, खासकर जब बात आतंकवाद और साइबर सुरक्षा की हो।
आखिरकार, पीएम मोदी का यह दौरा न केवल भारत-अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उस साझेदारी को भी दर्शाता है जिसमें दोनों देश वैश्विक सुरक्षा को लेकर एक साथ खड़े होंगे।
अब देखना यह होगा कि क्या इस सहयोग से दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान में वास्तविक सुधार आएगा, और क्या यह भारत को सुरक्षा की दिशा में और मजबूत बना सकता है।
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