मिडिल क्लास, नौकरीपेशा लोगों को बजट में बड़ी राहत
दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। अब 12 लाख रुपए तक की कमाई में कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे पहले 7 लाख इनकम पर कोई भी टैक्स नहीं लगता था। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75 हजार पर रखा गया था. इस बार भी इसमें बदलाव नहीं किया गया है. यानि अब 12 लाख 75 हजार तक कोई टैक्स नहीं लगेगा।
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मिडिल क्लास, नौकरीपेशा लोगों को बजट में बड़ी राहत2005 से अब तक कितना और कब-कब टैक्स स्लैब में बदलाव हुआ1. वर्ष 2005-06:2. वर्ष 2008-093. वर्ष 2010-11 नया टैक्स स्लैब4. वर्ष 2012-20135. वर्ष 2014-15, मोदी सरकार का पहला बजट6. वर्ष 2017-187. वर्ष 2020-21, न्यू टैक्स रिजीम8. वर्ष 2023-24, बजट 2023कुल मिलाकर राहत:
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2005 से अब तक कितना और कब-कब टैक्स स्लैब में बदलाव हुआ
भारत में 2005 से 2025 तक आयकर स्लैब में कई बार बदलाव किए गए हैं, खासकर सैलरीड क्लास को राहत देने के उद्देश्य से। इन बदलावों को विभिन्न केंद्रीय बजटों के माध्यम से लागू किया गया। नीचे प्रमुख वर्षों और बदलावों का विवरण दिया गया है:
1. वर्ष 2005-06:
- बेसिक छूट सीमा: ₹1,00,000 (सामान्य), ₹1,35,000 (महिलाएं), ₹1,85,000 (वरिष्ठ नागरिक)
- टैक्स स्लैब:
- ₹1,00,000 तक – शून्य
- ₹1,00,001 – ₹1,50,000 – 10%
- ₹1,50,001 – ₹2,50,000 – 20%
- ₹2,50,001 से ऊपर – 30%
- राहत: टैक्स स्ट्रक्चर को सरल किया गया और टैक्स स्लैब को थोड़ा उदार बनाया गया।
2. वर्ष 2008-09
- बेसिक छूट सीमा बढ़ाई गई:
- ₹1,50,000 (सामान्य),
- ₹1,80,000 (महिलाएं),
- ₹2,25,000 (वरिष्ठ नागरिक)
- राहत: टैक्स छूट सीमा में उल्लेखनीय वृद्धि से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली।
3. वर्ष 2010-11 नया टैक्स स्लैब
- छूट सीमा: ₹1,60,000 (सामान्य), ₹1,90,000 (महिलाएं), ₹2,40,000 (वरिष्ठ नागरिक)
- टैक्स स्लैब:
- ₹1,60,001 – ₹5,00,000 – 10%
- ₹5,00,001 – ₹8,00,000 – 20%
- ₹8,00,001 से ऊपर – 30%
- राहत: टैक्स की सीमा में विस्तार कर मिडिल क्लास को बड़ा फायदा मिला।
4. वर्ष 2012-2013
- छूट सीमा: ₹2,00,000 (सामान्य), ₹2,50,000 (वरिष्ठ नागरिक)
- महिलाओं के लिए अलग छूट सीमा को समाप्त कर दिया गया।
- राहत: सैलरीड क्लास को ₹2 लाख तक टैक्स-फ्री इनकम से राहत मिली।
5. वर्ष 2014-15, मोदी सरकार का पहला बजट
- छूट सीमा: ₹2,50,000 (सामान्य), ₹3,00,000 (वरिष्ठ नागरिक)
- राहत: इनकम टैक्स छूट सीमा बढ़ाकर मिडिल क्लास के हाथ में अधिक कैश छोड़ा गया।
6. वर्ष 2017-18
- ₹2.5 लाख से ₹5 लाख तक टैक्स रेट को 10% से घटाकर 5% कर दिया गया।
- ₹5 लाख तक की इनकम पर रिबेट (धारा 87A) बढ़ाई गई।
- राहत: लोअर और मिडिल इनकम ग्रुप को टैक्स बोझ में बड़ी राहत।
7. वर्ष 2020-21, न्यू टैक्स रिजीम
- नई टैक्स स्लैब (वैकल्पिक):
- ₹2.5 लाख तक – शून्य
- ₹2.5 – ₹5 लाख – 5%
- ₹5 – ₹7.5 लाख – 10%
- ₹7.5 – ₹10 लाख – 15%
- ₹10 – ₹12.5 लाख – 20%
- ₹12.5 – ₹15 लाख – 25%
- ₹15 लाख से ऊपर – 30%
- राहत: टैक्स रेट में कटौती, लेकिन छूट और डिडक्शन सीमित।
8. वर्ष 2023-24, बजट 2023
- नई टैक्स प्रणाली को डिफॉल्ट बनाया गया।
- ₹7 लाख तक की इनकम पर पूरी टैक्स छूट (87A के तहत)।
- स्लैब को और सरल किया गया:
- ₹0-3 लाख – शून्य
- ₹3-6 लाख – 5%
- ₹6-9 लाख – 10%
- ₹9-12 लाख – 15%
- ₹12-15 लाख – 20%
- ₹15 लाख से ऊपर – 30%
- राहत: मिडिल क्लास के लिए टैक्स बचत में और सुधार।
कुल मिलाकर राहत:
- 2005 के बाद से टैक्स छूट सीमा ₹1 लाख से बढ़कर ₹7 लाख तक टैक्स-फ्री इनकम हो गई है (नई व्यवस्था में)।
- टैक्स स्लैब्स को सरल बनाकर टैक्सपेयर्स को कम बोझ देने की कोशिश की गई है।
- टैक्स दरों में भी समय-समय पर कटौती की गई है।
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