बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की परेशानियां खत्म होने के नाम नहीं ले रही हैं। मोहम्मद यूनुस की सरकार लगातार उनके खिलाफ नए आरोप लगा रही है। अब बांग्लादेश में एंटी करप्शन कमीशन ने हसीना और उनके परिवार के खिलाफ करीब 42,600 करोड़ रुपए (5 बिलियन डॉलर) गबन की जांच शुरू की है। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक हसीना पर आरोप है कि उन्होंने राजधानी ढाका से 160 किमी दूर रूपपुर में रूस द्वारा डिजाइन किए गए न्यूक्लियर पावर प्लांट में यह गबन किया था। रूस की सरकारी कंपनी रोसाटॉम द्वारा बनाए जा रहे इस प्लांट में भारतीय कंपनियों की भी हिस्सेदारी है।
गबन की रकम को मलेशिया ट्रांसफर करने का आरोप
हसीना के खिलाफ जांच शुरू करने का फैसला तब किया गया जब बांग्लादेशी हाई कोर्ट ने कुछ दिन पहले एंटी करप्शन कमीशन से पूछा था कि इस मामले में आपकी निष्क्रियता को क्यों अवैध घोषित न किया जाए? इस मामले में शेख हसीना, उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय, बहन रेहाना और भतीजी ट्यूलिप सिद्दीक को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि इन्होंने गबन की रकम को मलेशियाई बैंक में ट्रांसफर किया था। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक ट्यूलिप सिद्दीक, शेख रेहाना और अन्य लोगों को कमीशन के तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग की रकम का 30 प्रतिशत मिला था। शेख हसीना फिलहाल भारत में रहती हैं, जबकि उनका बेटा अमेरिका में है और उनकी भतीजी ब्रिटेन में हैं। हालांकि शेख रेहना के बारे में अभी कोई कंफर्म जानकारी नहीं है।
शेख हसीना पर हत्या अपहरण समेत 225 मामले दर्ज
बांग्लादेश में भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की है। बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने इसे लेकर एक चिट्टी भी भेजी है। तौहीद हुसैन का कहना है कि बांग्लादेश सरकार कानून का सामना करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री को वापस चाहती है। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार ने हसीना पर हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। वहीं, बांग्लादेशी सरकार ने चेतावनी दी है कि भारत में रहते हुए हसीना की तरफ से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं।